बहुत पूर्व ऐसा विश्वास किया जाता था कि जिस प्रकार कुछ स्तनपायी और उरग शरद ऋतु में ठंढ से बचने के लिए शीत निष्क्रियता (
12.
पर उन ब्लॉगियों का ज़िक्र नहीं किया जो कुछ कारणों से hibernate हो जाते हैं जैसे शीत निष्क्रियता, सामयिक रोग निष्क्रियता, बुढ़ेऊ निष्क्रियता, आलस-प्रेम निष्क्रियता आदि अनेक कारण हो सकते हैं।
13.
बहुत पूर्व ऐसा विश्वास किया जाता था कि जिस प्रकार कुछ स्तनपायी और उरग शरद ऋतु में ठंढ से बचने के लिए शीत निष्क्रियता (hibernation) में चले जाते हैं, उसी भाँति अबाबील, कलविंकक (nightingale) और कोयल भी शीतशयन करती है।
14.
रूई, बूर, खील बताशे, लक्ष् मी पूजन सामग्री, इत्र और रंगोली सजावट जैसे पता नहीं कितने सामान थे वहां, ऐसे लग रहा था जैसे सालभर इन सामानों सहित इन् हें बेचने वाले शीत निष्क्रियता में रहे हों।
15.
थेलियम का इस्तेमाल ऊतक के व्यवहार्यता का निर्धारण करने, गैर कार्यात्मक मायोकार्डियम के वास्तव में मरा है कि नहीं, इसकी जांच करने के लिए किया जा सकता है या शीत निष्क्रियता अवस्था के केवल जांच करने या भौचक्का होने की जांच करता है.
16.
[54] [55] थेलियम का इस्तेमाल ऊतक के व्यवहार्यता का निर्धारण करने, गैर कार्यात्मक मायोकार्डियम के वास्तव में मरा है कि नहीं, इसकी जांच करने के लिए किया जा सकता है या शीत निष्क्रियता अवस्था के केवल जांच करने या भौचक्का होने की जांच करता है.
17.
थेलियम का इस्तेमाल ऊतक के व्यवहार्यता का निर्धारण करने, गैर कार्यात्मक मायोकार्डियम के वास्तव में मरा है कि नहीं, इसकी जांच करने के लिए किया जा सकता है या शीत निष्क्रियता अवस्था के केवल जांच करने या भौचक्का होने की जांच करता है.
18.
निश्चय ही राकेश जिम्मेदार थे भी, लेकिन मेरा सवाल है कि यह काम तो शशि प्रकाश के नेतृत्व में शुरू हुआ था तो उनकी असफलताओं पर कौन बात करेगा, उन्हें कौन शीत निष्क्रियता में डालेगा, सोचने की छुट्टी उन्हें कौन देगा और अंत में शशि प्रकाश को कौन भगौड़ा कहेगा.
19.
इस पूरे मामले में जो सबसे हैरत में डालने वाली बात है और जिसके कारण यह पोस्ट लिखनी पडी वह यह है की जाड़े में ये निम्न वर्गीय प्राणी शीत निष्क्रियता यानी हाईबर्नेशन में चले जाते हैं-यही कारण है मेढक छिपकली और सांप इन दिनों नहीं दीखते-इनमें वातावरण के तापक्रम के उतार चढाव के मुताबिक़ शरीर का तापक्रम बदलता रहता है-इसलिए शीत निष्क्रियता इनकी जीवन रक्षा का एक उपाय है-लेकिन इस समय भी सांप और मेढक की सक्रियता का दिखना एक दुर्लभ दृष्टांत है जिसे यहाँ रिपोर्ट किया जा रहा है!
20.
इस पूरे मामले में जो सबसे हैरत में डालने वाली बात है और जिसके कारण यह पोस्ट लिखनी पडी वह यह है की जाड़े में ये निम्न वर्गीय प्राणी शीत निष्क्रियता यानी हाईबर्नेशन में चले जाते हैं-यही कारण है मेढक छिपकली और सांप इन दिनों नहीं दीखते-इनमें वातावरण के तापक्रम के उतार चढाव के मुताबिक़ शरीर का तापक्रम बदलता रहता है-इसलिए शीत निष्क्रियता इनकी जीवन रक्षा का एक उपाय है-लेकिन इस समय भी सांप और मेढक की सक्रियता का दिखना एक दुर्लभ दृष्टांत है जिसे यहाँ रिपोर्ट किया जा रहा है!