एक मई की सुबह लाल मंगल और पीले बृहस्पति ग्रह की शून्य अंश 21 कला के अंतर से युति हो रही है।
12.
यह तब की बात है जब सूर्य एवं चन्द्रमा दोनों ही शून्य अंश एवं शून्य कला तथा शून्य विकला पर हो.
13.
साथ ही जब पृथ्वी सूर्य का एक चक्कर पूर्ण करती है, तब सूर्य पुनः मेष संक्रान्ति में शून्य अंश का होता है ।
14.
शून्य अंश की दूरी के पश्चात गोचरीय शनि जैसे-जैसे आगे सरकता जाता है, वैसे-वैसे साढ़ेसाती का अनिष्ट फल कम होता जाता है।
15.
साथ ही जब पृथ्वी सूर्य का एक चक् कर पूर्ण करती है, तब सूर्य पुनः मेष संक्रान्ति में शून्य अंश का होता है ।
16.
पृथ्वी पर शून्य अंश अक्षांश एवं शून्य अंश देशांतर के स्पर्श विन्दु से 5 अंश पूर्वोत्तर (North East) भरनी रेखा सिद्ध होती है.
17.
पृथ्वी पर शून्य अंश अक्षांश एवं शून्य अंश देशांतर के स्पर्श विन्दु से 5 अंश पूर्वोत्तर (North East) भरनी रेखा सिद्ध होती है.
18.
ऐनाटोलिया के पठारी भाग की जलवायु दक्षिण पूर्वी रूस की जलवायु से मिलती जुलती है जहाँ जाड़े में उत्तर पूर्वी शीतल हवाएँ चलती हैं, जिनसे ताप कभी कभी शून्य अंश सेंटीग्रेड तक पहुँच जाता है।
19.
ऐनाटोलिया के पठारी भाग की जलवायु दक्षिण पूर्वी रूस की जलवायु से मिलती जुलती है जहाँ जाड़े में उत्तर पूर्वी शीतल हवाएँ चलती हैं, जिनसे ताप कभी कभी शून्य अंश सेंटीग्रेड तक पहुँच जाता है।
20.
अब यदि पूर्णिमा के दिन सूर्य एवं चन्द्रमा दोनों को मान लेते है क़ि दोनों शून्य अंश शून्य कला एवं शून्य विकला पर थे, तो भी नवें दिन चन्द्रमा 120 अंश आगे निकल जाएगा.