उसके मुताबिक, ' एक सार्वजनिक शौचालय में करीब ४ ०० शौचकूप होते हैं।
12.
शौचालय के, लैट्रिन या पॉटी के बिना मलत्याग करें तो उनका मल तुरंत शौचकूप
13.
शौचकूप (सैप्टिक टैंक) उत्तर दिशा के मध्यभाग में बनाना सर्वोचित रहता है।
14.
यदि शौचकूप या शौचालय का प्रयोग करना संभव न हो तो, सभी को घर, रास्ते,
15.
देश के वनवासी भागों में आज भी स्वास्थ्य रक्षा का प्रश् न गंभीर है | स्वच्छ और शुद्ध पीने का पानी, शौचकूप और स्वच्छता उन्हें आज भी नसीब नहीं हुई है | इनके अभाव के कारण वनवासीयों को बार-बार गंभीर बिमारियों का सामना करना पडता है | दुर्भाग्य की बात य..