को नीला या श्यावता अथवा नीलरोग संबंधी तो मुझे ऑक्सीजन की 2 लीटर प्रति मिनट पर मेरी नाक के नीचे एक ट्यूब के माध्यम से डाल रहे थे.
12.
श्यावता और कष्टश्वास (ड्य्स्प्नोएअ) मौजूद रहने पर क्सीजन नासा-~ नली (नसल् टुबेस्) से दिया जाता है और नाक और गलाका बारम्बार चूषण (सुच्टिओन्) कर वायु-मार्ग (अइर् पस्सगेस्) साफ किए जाते हैं.
13.
बुखार के स्वास्थ्यलाभ अवस्था के दौरान रोगी की हालत अत्यधिक कमजोरी के साथ स्पष्ट रूप से और बिगड़ जाती है स्पष्ट बेचैनी चेहरे का पीलापन और प्रायः पसीना और मुँह के चारों ओर श्यावता पेट में लगातार तीव्र दर्द। कलेजा विवर्धित हो सकता है।