जिसके लिए सत्ता ही सब कुछ हो वह कुछ भी कर सकता है जबकि नवसृजन करने के लिए यह ज़रुरी होता है की उस व्यक्ति में बुद्धि हो, इसके विपरीत ठोंठ, संकीर्ण मानसिकता वाला व्यक्ति भी आसानी से नकारात्मक विचारों से वैमनस्य पैदा करके अपने जैसों की टोली इक्कट्ठी कर लेता है वैसे यह राजनीति ही है.