विशेषण के भेद-विशेषण के चार भेद हैं-1. गुणवाचक। 2. परिमाणवाचक। 3. संख्यावाचक। 4. संकेतवाचक अथवा सार्वनामिक।
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निश्चित प्रविशेषण, संकेतवाचक से थोड़ा भिन्न हैं, जो अक्सर वक्ता और दर्शकों के सन्दर्भ में संज्ञा के स्थान का संकेत देता है.
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निश्चित प्रविशेषण, संकेतवाचक से थोड़ा भिन्न हैं, जो अक्सर वक्ता और दर्शकों के सन्दर्भ में संज्ञा के स्थान का संकेत देता है.
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4. संकेतवाचक (निर्देशक) विशेषण जो सर्वनाम संकेत द्वारा संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बतलाते हैं वे संकेतवाचक विशेषण कहलाते हैं।
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4. संकेतवाचक (निर्देशक) विशेषण जो सर्वनाम संकेत द्वारा संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बतलाते हैं वे संकेतवाचक विशेषण कहलाते हैं।
16.
प्रश्नवाचक वाक्यांश का निर्माण इस तरह से एक घोषणात्मक वाक्य के विधेय को सहायक क्रिया के सामने लाकर उसे एक संकेतवाचक, सम्बन्धवाचक सर्वनाम, और परिमाण वाचक इत्यादि में बदला जाता है.
17.
को, सो, आ और दो, संकेतवाचक सर्वनाम कोरे यानी “ यह ”, सोरे यानी “ वह ”, आरे यानी “ वह दूर ” और प्रश्नवाचक सर्वनाम दोरे यानी “ कौन सा? ” के पहले अक्षर हैं, और कोतोबा का अर्थ है “ शब्द ” ।
18.
निर्धारक में प्रविशेषण शामिल हैं (उदाहरण: the, a/an), संकेतवाचक (उदाहरण: this, these, that, those), मात्रात्मक (जैसे: all, many, some, any, each), संख्यात्मक (जैसे: one, two, first, second), संबंधकारक (जैसे: my, your, his, her, its, our), प्रश्नवाचक (जैसे: which, what), और विस्मयादिबोधक (जैसे: such, what) जो संज्ञा पदों में संज्ञा प्रमुख को विशेषित करता है.