निम्नलिखित विभिन्न व्यक्तिगत विशेषताएँ हैं जिससे डॉ. रंगनाथन ने भारत में पुस्तकालय व्यवसाय को प्रोत्साहित किया, जैसेःप्रजनक लेखक (फ्रोलिङिच् थ्रिटेर्), वर्गीकरणाचार्य (छ्लस्सिङिचटिओनिस्ट्) औरवर्गीकरणकर्त्ता (छ्लस्सिङिएर्), सूचीकरणकर्त्ता (छटलो-~ गुएर्), संगठनकर्त्ता (और्गनिॅएर्), अध्यापक-शिक्षक-गुरू (ंअस्टेर्-ऐडुचटोर्ठेअच्हेर्), दाता (ढोनोर्), सभापति (छ्हइर्मन्), अध्यक्ष (फ्रेसिडेन्ट्), सलाहकार (आड्विसेर्), सदस्य (ंएम्बेर्), प्रलेखनाज्ञाता (ढोचुमेन्टलिस्ट्) इत्यादि.
12.
मार्क्स-एंगेल्स कहते हैं कि वे ४ ० वर्ष पूंजीवादी वर्ग और सर्वहारा वर्ग के बीच इतिहास की चालक शक्ति के तौर पर वर्ग-संघर्ष पर जोर देते रहे हैं, अतः विशेषकर आधुनिक सामाजिक क्रान्ति के महान संगठनकर्त्ता के तौर पर, लोगों की सहायता करना सम्भव नहीं जो वर्ग-संघर्ष को आंदोलन से बाहिर ले जाना चाहते हैं ।