मंद अवस्था में संचित अवसाद का ऊपरी भाग, तीव्र गति की अवस्था में अपरिदित होकर बहने लगता है और जहाँ धार मंद हो वहाँ पुन: निक्षेपण हो जाता है।
12.
मंद अवस्था में संचित अवसाद का ऊपरी भाग, तीव्र गति की अवस्था में अपरिदित होकर बहने लगता है और जहाँ धार मंद हो वहाँ पुन: निक्षेपण हो जाता है।
13.
अत: समस्त अवसाद पहले की अपेक्षा कुछ दूरी पर जाकर अवक्षेपित होगा और प्रत्येक स्थान पर संचित अवसाद कुछ मोटा हो जाएगा, यथा छोटे कंकड़ों तथा बजरी के ऊपर मोटी बालू, मोटी के ऊपर महीन बालू और महीन बालू के ऊपर मिट्टी जमा होगी।
14.
अत: समस्त अवसाद पहले की अपेक्षा कुछ दूरी पर जाकर अवक्षेपित होगा और प्रत्येक स्थान पर संचित अवसाद कुछ मोटा हो जाएगा, यथा छोटे कंकड़ों तथा बजरी के ऊपर मोटी बालू, मोटी के ऊपर महीन बालू और महीन बालू के ऊपर मिट्टी जमा होगी।