जब मैं कंपनी को बंद करने के लिए, मैं निवेश के माध्यम से लिखने की जरूरत होगी और पी एल लेकिन मैं पहले से ही सब संचित हानि के साथ इंजेक्शन पूंजी का सेवन किया है.
12.
निगम 2 वर्ष लाभ में रहने एवं संचित हानि समाप्त होने के बाद भी अंतरिम राहत, छठवां वेतनमान को लागू करने की प्रक्रिया भी शुरू नहीं हो सकी जिससे कर्मचारियों में निराश एवं आक्रोश भी रहा ।
13.
150 एसेट्स शेयर पूंजी-100 संचित हानि 550-600 देयताएं जनक @ 1 प्रत्येक = $ 250 डॉलर मूल्य की अपनी शेयरों की अपनी 250 जारी करके कंपनी खरीदता है कैसे मैं सबसे पहले कम्पनी तो और पुस्तकों समेकन प्रविष्टियों में इस लाने के.
14.
निवेश संपत्ति उचित मूल्य पर मापा जाना चाहिए और उचित मूल्य में परिवर्तन आय बयान में मान्यता प्राप्त होना चाहिए, या एक लागत मॉडल (बेंचमार्क उपचार में 16 आईएएस, संपत्ति, संयंत्र और उपकरण के रूप में एक ही), अर्थात् निवेश संपत्ति पर मापा जाना चाहिए मूल्यह्रास लागत (कम किसी भी संचित हानि नुकसान).
15.
यदि बीआईएफआर के विचार से यदि रुग्ण औद्योगिक कंपनी अपने समुचित समय के भीतर अपना नविल मूल्य संचित हानि से अधिक करने में समर्थ नहीं होती है और इसके भविष्य में व्यवहार्य होने की संभावना नहीं है और यह उचित और समतुल्य है कि कंपनी बंद कर दी जाए तो यह कंपनी बंद करने के लिए उच्च न्यायालय की प्रक्रियाओं का अनुसरण करेगा।
16.
यदि बीआईएफआर के विचार से यदि रुग् ण औद्योगिक कंपनी अपने समुचित समय के भीतर अपना नविल मूल् य संचित हानि से अधिक करने में समर्थ नहीं होती है और इसके भविष् य में व् यवहार्य होने की संभावना नहीं है और यह उचित और समतुल् य है कि कंपनी बंद कर दी जाए तो यह कंपनी बंद करने के लिए उच् च न् यायालय की प्रक्रियाओं का अनुसरण करेगा।
17.
यदि न्यायाधिकरण संगत तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करने के बाद यह मानती है कि रुग्ण औद्योगिक कंपनी की अपनी वित्तीय दायित्वों को पूरा करते हुए समुचित समय के भीतर संचित हानि से अधिक निवल मूल्य जुटाने संभावना नहीं है, और कंपनी के भविष्य में व्यवहार्य होने की संभावना नहीं है और कंपनी का बंद किया जाना न्यायसंगत और उचित है, तब यह कंपनी बंद करने का आदेश दे सकता है।
18.
यदि न् यायाधिकरण संगत तथ् यों और परिस्थितियों पर विचार करने के बाद यह मानती है कि रुग् ण औद्योगिक कंपनी की अपनी वित् तीय दायित् वों को पूरा करते हुए समुचित समय के भीतर संचित हानि से अधिक निवल मूल् य जुटाने संभावना नहीं है, और कंपनी के भविष् य में व् यवहार्य होने की संभावना नहीं है और कंपनी का बंद किया जाना न् यायसंगत और उचित है, तब यह कंपनी बंद करने का आदेश दे सकता है।