परिवाद में परिवादी के प्रार्थना पत्र पर माननीय उच्च न्यायालय यदि विशेष अनुमति देता है तो उस दशा में अपील माननीय उच्च न्यायालय में होगी और सत्र न्यायालय में अपील संधार्य नहीं है।
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अगर विपक्षी का यह मत था कि यह वाद संधार्य नहीं है और दिनांक 7. 1.06 का आदेश गलत पारित हो गया है तो विपक्षी का यह दायित्व था कि वह इस आदेश को चुनौती देता।