पशुजन्य रोग विभाग में प्लेग काला-अज़ार और संधिपाद प्राणीजन्य संक्रमणों के लिए राष्ट्रीय संदर्भ प्रयोगशालाएँ हैं।
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और प्रत्येक सदस्य अपने जीवन की प्रारंभिक अवस्था (डिंभावस्था अर्थात् लार्वल स्टेज) संधिपाद समुदाय की कठिनी (
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मकड़ियों और केंचुओं जैसे कुछ संधिपाद प्राणी (arthropods) लार ग्रंथियों से धागा बनाते हैं.
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है, जिसमें कठिनी के लक्षण तो क्या, संधिपाद जीवों का भी कोई लक्षण प्रौढावस्था में नहीं दिखाई देता।
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यह जीव मृदा संधिपाद या आर्थरोपाड समुदाय का एक हिस्सा है जो जंगलों या वनस्थली में सड़न प्रक्रिया (
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कीट चेतावनी वेबसाइट-संधिपाद प्राणी, नेमाटोड और संयंत्र रोगों से प्रभावित हो रहे मानव, मवेशी/पालतू, कृषि और विभूषक पौधे
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वर्तमान में निम्नलिखित पशुजन्य रोगों पर काम किया जा रहा है: प्लेग जलांतक काला-अज़ार और संधिपाद प्राणीजन्य संक्रमणों टॉक्सोप्लास्मोसिसब्रुसेलोसिसलेप्टोस्पाइरोसिसरिकेटसियोसिसहाइडेटिडोसिसन्यूरोसिस्टिसरकोसिस और एन्थ्रेक्स।
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अधिकाँश संधिपाद प्राणियों की तरह, बड़े होने के क्रम में झींगा मछलियों को निर्मोचन करना पड़ता है, जो उन्हें कमजोर बना देता है.
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अधिकाँश संधिपाद प्राणियों की तरह, बड़े होने के क्रम में झींगा मछलियों को निर्मोचन करना पड़ता है, जो उन्हें कमजोर बना देता है.
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लिनीयस ने सन् 1735 में कीट (इनसेक्ट=इनसेक्टम्=कटे हुए) वर्ग में वे सब प्राणी सम्मिलित किए थे जो अब संधिपाद समुदाय के अंतर्गत रखे गए हैं।