कार्तिक पूर्णिमा के दिन रात्रि में चन्द्रमा के दर्शन करने पर शिवा, प्रीति, संभूति, अनुसूया, क्षमा तथा सन्तति इन छहों कृत्तिकाओं का पूजन करना चाहि ए.
12.
इस दिन चन्द्र जब आकाश में उदित हो रहा हो उस समय शिवा, संभूति, संतति, प्रीति, अनुसूया और क्षमा इन छ: कृतिकाओं का पूजन करने से शिव जी की प्रसन्नता प्राप्त होती है.
13.
कल्पसूत्र की स्थविरावली में उनके चार शिष्यों का उल्लेख मिला है पर वे चारों ही स्वर्गवासी हो गए अतएव भद्रबाहु की शिष्य परम्परा आगे न बढ़ सकी किन्तु उक्त परम्परा भद्रबाहु के गुरुभाई संभूति विजय के शिष्य स्थूलभद्र से आगे बढ़ी।
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कल्पसूत्र की स्थविरावली में उनके चार शिष्यों का उल्लेख मिला है पर वे चारों ही स्वर्गवासी हो गए अतएव भद्रबाहु की शिष्य परम्परा आगे न बढ़ सकी किन्तु उक्त परम्परा भद्रबाहु के गुरुभाई संभूति विजय के शिष्य स्थूलभद्र से आगे बढ़ी।