जल मिलन कलश में रखे गये विविध नदियों के संयुक्त जल के सम्मुख उत्तराखंड की नदी-घाटियों के दर्द एवं चिन्ता को पूरी तरलता के साथ सामने रखते हुए राधा बहन का मानना था कि समस्या समाधान जल, जंगल, जमीन पर समुदाय के स्वामित्व एवं प्रबंधन में है ताकि नदी-घाटियों से जनजीवन के विस्थापन की आशंका निर्मूल हो।