मात्राओं से युक्त व्यंजन एवं संयुक्त व्यंजन, हिन्दी वर्तनी की विशेषताओं के अनुरूप वर्णों से बनने वाले शब्दों के अनुप्रयोगात्मक पाठ।
12.
जैसे-क्ष=क्+ष अक्षर त्र=त्+र नक्षत्र ज्ञ=ज्+ञ ज्ञान कुछ लोग क्ष् त्र् और ज्ञ् को भी हिन्दी वर्णमाला में गिनते हैं, पर ये संयुक्त व्यंजन हैं।
13.
जैसे-क्ष=क्+ष अक्षर, ज्ञ=ज्+ञ ज्ञान, त्र=त्+र नक्षत्र कुछ लोग क्ष् त्र् और ज्ञ् को भी हिन्दी वर्णमाला में गिनते हैं, पर ये संयुक्त व्यंजन हैं।
14.
यह एक स्वतंत्र स्वर हो सकता है अथवा उसके आगे, पीछे, अथवा दोनों ओर एकल अथवा संयुक्त व्यंजन हो सकते हैं ।
15.
जैसे-क्ष=क्+ष अक्षर, ज्ञ=ज्+ञ ज्ञान, त्र=त्+र नक्षत्र कुछ लोग क्ष् त्र् और ज्ञ् को भी हिन्दी वर्णमाला में गिनते हैं, पर ये संयुक्त व्यंजन हैं।
16.
जैसे-क्ष=क्+ष अक्षर, ज्ञ=ज्+ञ ज्ञान, त्र=त्+र नक्षत्र कुछ लोग क्ष् त्र् और ज्ञ् को भी हिन्दी वर्णमाला में गिनते हैं, पर ये संयुक्त व्यंजन हैं।
17.
संस्कृत का संयुक्त व्यंजन और प्राकृत का द्वित्व रूप सिंधी में समान हो गया है किंतु उससे पहले का ह्रस्व स्वर दीर्घ नहीं होता जैसे धातु (हिं.
18.
संस्कृत का संयुक्त व्यंजन और प्राकृत का द्वित्व रूप सिंधी में समान हो गया है किंतु उससे पहले का ह्रस्व स्वर दीर्घ नहीं होता जैसे धातु (हिं.
19.
(ग) मात्राओं से युक्त व्यंजन एवं संयुक्त व्यंजन तथा हिन्दी वर्तनी की अन्य विशेषताओं के अनुरूप वर्णों से बनने वाले शब्दों के अनुप्रयोगात्मक पाठों का निर्माण।
20.
‘ अङ्क ' (मूल रूप में ङ के नीचे क लिखा हुआ संयुक्त व्यंजन रूप) को ‘ अंक ' लिखना भाषा-विज्ञान की दृष्टि से सही है।