चर्म-चक्षु से संकलित दृष्यमूलक विवरण भावी कर्म की रूप रेखा को भौतिकतावादी आवरण से संवृत्त एवं संक्रमित कर देते है.
12.
यदि मै आप क़ी प्रत्येक प्रतिक्रिया का उत्तर दू तो यह एक प्रत्यक्ष निन्दित यशोपलब्धि के लोभ को संवृत्त न कर पाने क़ी प्रवृत्ति होगी.
13.
२. संवृत्त-‘अ' स्वर बाकी स्वरों की तरह एकदम खुले गले से नहीं आता, हमारी जीभ का पिछला हिस्सा थोड़ा सा कंठ ढँक जाता है, इसीलिये इसे ‘संवृत्त' कहते हैं।
14.
२. संवृत्त-'अ' स्वर बाकी स्वरों की तरह एकदम खुले गले से नहीं आता, हमारी जीभ का पिछला हिस्सा थोड़ा सा कंठ ढँक जाता है, इसीलिये इसे 'संवृत्त' कहते हैं।
15.
जब उन्हें होश आया, तो उन्होंने स्वयं को ब्लैकहोल की संवृत्त कक्षा में घूमते हुए पाया, जिसकी परिधि धीरे-धीरे कम होते हुए उसके केंद्र की ओर जाती थी।
16.
‘अ ' छोड़कर सभी स्वर आते हैं।२. संवृत्त-‘अ' स्वर बाकी स्वरों की तरह एकदम खुले गले से नहीं आता, हमारी जीभ का पिछला हिस्सा थोड़ा सा कंठ ढँक जाता है, इसीलिये इसे ‘संवृत्त' कहते हैं।
17.
२. संवृत्त-‘ अ ' स्वर बाकी स्वरों की तरह एकदम खुले गले से नहीं आता, हमारी जीभ का पिछला हिस्सा थोड़ा सा कंठ ढँक जाता है, इसीलिये इसे ‘ संवृत्त ' कहते हैं।
18.
२. संवृत्त-‘ अ ' स्वर बाकी स्वरों की तरह एकदम खुले गले से नहीं आता, हमारी जीभ का पिछला हिस्सा थोड़ा सा कंठ ढँक जाता है, इसीलिये इसे ‘ संवृत्त ' कहते हैं।
19.
शेष तीन स्वर स्वनिम पश्च स्वरहैं, /उ/वृत्ताकार, पश्च संवृत्त स्वर है जो मानस्वर उ की तुलना में कुछ कमउच्च स्वर हैं; दूसरा स्वर/ओ/अर्ध संवृत्त एवं वृत्ताकार स्वर स्वनिम है औरतीसरा स्वर/अ/अन्य पश्च स्वरों की तुलना में का पश्च एवं विवृत्त स्वर है.
20.
शेष तीन स्वर स्वनिम पश्च स्वरहैं, /उ/वृत्ताकार, पश्च संवृत्त स्वर है जो मानस्वर उ की तुलना में कुछ कमउच्च स्वर हैं; दूसरा स्वर/ओ/अर्ध संवृत्त एवं वृत्ताकार स्वर स्वनिम है औरतीसरा स्वर/अ/अन्य पश्च स्वरों की तुलना में का पश्च एवं विवृत्त स्वर है.