निश्चय ही भारत में परिवर्तन आ रहा है पर सरकार को और अधिक सक्रीय होना होगा जिससे हम वाकई में विकसित कहलाये जा सकें! हम केवल विज्ञान, भौतिक और रसायन में ही प्रायोगिक परीक्षा न रखें बल्कि हमें हर विषय को प्रायोगिक बनाकर पढाने की व्यवस्था करनी होगी और प्रयोग को आम जिंदगी का हिस्सा बनाना ही होगा, मुझे ध्यान है कि किस तरह १०वीं और १२वीं कक्षा में निर्धारित प्रायोगिक परिक्षा महज एक औपचारिकता होती थी.
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निश्चय ही भारत में परिवर्तन आ रहा है पर सरकार को और अधिक सक्रीय होना होगा जिससे हम वाकई में विकसित कहलाये जा सकें! हम केवल विज्ञान, भौतिक और रसायन में ही प्रायोगिक परीक्षा न रखें बल्कि हमें हर विषय को प्रायोगिक बनाकर पढाने की व्यवस्था करनी होगी और प्रयोग को आम जिंदगी का हिस्सा बनाना ही होगा, मुझे ध्यान है कि किस तरह १ ० वीं और १ २ वीं कक्षा में निर्धारित प्रायोगिक परिक्षा महज एक औपचारिकता होती थी.