हालांकि रोमन लेखकों का अनुमान है कि ये दास सजातीय समूह के थे जिनका नेता स्पार्टाकस था, और हो सकता है उन्होंने दासों के स्वतःप्रवर्तित संगठन पर सैन्य नेतृत्व की अपनी स्वयं की पदानुक्रमिक व्यवस्था लागू की होगी, तथा अन्य दास नेताओं को अधीनस्थ पदों पर रखा होगा.
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इस पर आँध्रप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश मदन बी लॉकर तथा न्यायमूर्ति पीवी संजय कुमार की खंडपीठ ने कहा कि सहायक सॉलीसिटर जनरल ने ऐसा कोई सबूत पेश नहीं कर पाए जो अल्पसंख्यकों के सजातीय समूह वाले पिछड़े वर्ग के तौर पर किए गए वर्गीकरण को सही ठहराता हो परिणामतः हम यह मानते हैं कि मुस्लिम, इसाई, बौद्ध और पारसी एक सरीखे समूह नहीं हैं!