सामने हरा-भरा लॉन रँग-बिरँगे फूलों से सजा-सँवरा लहरा रहा था पर चन्नी की उदास आँखें उन सबसे फिसलकर, आदतन मजबूर, आज फिर उसी कोने वाले ठूँठ पर जा अटकी थीं।
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सामने हरा-भरा लॉन रँग-बिरँगे फूलों से सजा-सँवरा लहरा रहा था पर चन्नी की उदास आँखें उन सबसे फिसलकर, आदतन मजबूर, आज फिर उसी कोने वाले ठूँठ पर जा अटकी थीं।
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उसके साथ खिलवाड़ क्यों? मरीज और तीमारदार डाक्टर को भगवान का दर्जा देते हैं पर जब वही दगा दे जाए तो कहाँ सहारा है? बाहर से साफ़-सुथरा, सजा-सँवरा आदमी अगर भीतर से मन का काला हो तो उसे माफ़ नहीं किया जा सकता ।
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जानता हूँ आज शाम घर लौटने पर घर दिखेगा ज्यादा साफ, सजा-सँवरा बिस्तर नर्म-गर्म धुली चादर के साथ बच्चे नहाए हुए परदे बदले हुए चाय के साथ मिलेगा कुछ खास खाने को बस नहीं बदली होगी तो उसके मुस्कराते चेहरे पर छिपी थकान जिसने उसे अपना स्थाई साथी बना लिया है
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तुमको तो कुछो होश नहीं रहता, कल ऑफिस से लौटते बखत, पड़ोस वाले मिश्र जी बुला लिए थे हमको, उनका घर केतन सजा-सँवरा, हुआ था, बच्चा लोग भी शाम को पकौड़ी, समोसा सब खा रहा था, हम भी उनका घर से भी चाय पकौड़ी-समोसा खा कर आये थे, मिसेज मिश्र अपना हाथ से बनाई थीं ।
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डार्करूम है मस्तिष्क पुतलियों के कैमरे से खिंचे निगेटिव यहाँ एक विशेष कैमिकल की मदद से किए जाते हैं टच स्टिच एन लार्ज और फिर फ्रेम करके सजा दिए जाते हैं स्मृतियों की दीर्घा में सजा-सँवरा यथार्थ जिसको जब ज़रा गर्दन झुकाई, देख लिया कालांतर में यह भी धुंधलाने लगता है पहचानना मुश्क़िल तब इतना ध्यान रहता है कि था कोई, हुआ था कुछ!