चित्रित मिट्टी के बर्तनों पर दो मछली के विपरीत दिशा की ओर घूर्णन यिन यांग आकाश, सतत जीवन के एक वैचारिक प्रतीक के चारों ओर घूमने मछली थे.
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कितना तो मुश्किल है प्यार को परिभाषित कर पाना और बिना खुद के अहसास के यह संभव नहीं है...बड़ी बात यह है कि यह अहसास सतत जीवन और स्पंदित अगर हो कहीं भी तो वह कितना भाग्यशाली होगा!अच्छी प्रेम कविता!