सैनिक टे्रडमेन (मसालची एवं सफाईवाला को छोड़कर अन्य सभी) के लिए शैक्षणिक योग्यता 10वीं कक्षा उत्तीर्ण/आई.टी.आई. (कारपेन्टर, पेंटर, फुटवियर), आयु साढ़े सत्रह वर्ष से तेईस वर्ष, कद 168 से.मी., वजन 50 किलोग्राम और छाती 77 से.मी., फैलाव पांच से.मी. निर्धारित की गई है।
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3 सेन्ट्रल एम्युनिशन डिपो, पुलगांव को 252 निम्न श्रेणी लिपिक, एस.के., फायरमैन, कुक, टेलीफोन ऑपरेटर, मजदूर, मैसेंजर, सफाईवाला आदि की आवश्यकता | अंतिम तारीख: 30.06.2012 4 केंद्रीय आयुध डिपो, आगरा द्वारा 102 समूह 'ग' पदों की भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित |
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अब भला चाटवाला, सफाईवाला, रिक्शावाला, कबाड़ीवाला मेरे लिए इस तरह पागलपन दिखायेंगे तो संभ्रांत समाज मुझे क्या महत्त्व देगा? ” माधुरी की नजर अचानक सामने खड़े एक पुलिस ऑफिसर पर पड़ी जो उसकी सुरक्षा के लिए विशेष तौर पर नियुक्त था और अपने आवभाव से यह कई बार जतला चुका था कि वह माधुरी का घनघोर प्रशंसक है।
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१ किस श्रेणी के कर्मचारी वर्दी के पात्र हैः-तृतीय श्रेणी के स्टाफ कार ड्राइवरों, सवार हरकारों और चतुर्थ श्रेणी के जमादार, दफ्तरी, चपरासी, संदेशवाहक, रिकार्ड सार्ट, चौकीदार, फराश, सफाईवाला और कनिष्ठगेस्टेटनर आपरेटर की श्रेणी के कर्मचारियों को जो नियमित स्थापनाओं के कर्मचारीहैं, ओर जिन्होंने तीन महीने की सेवा पूरी कर ली है, वर्दी दी जा सकती है किन्तुयह जरुरी है कि वे पूर्ण कालिक कर्मचारी हों.
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केन्द्रीय सरकार और उसके दिल्ली / नई दिल्ली और भारत में अन्य स्थानो पर स्थितसंबद्ध और अधीनस्थ कार्यालयों के तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों, जैसेस्टाफ कार ड्राईवरों, सवार हरकारों (मोटर साइकिल चालक/दो पहिए का स्कूटर चालक) जमादार, दफ्तरी, चपरासी, संदेशवाहक, रिकार्ड सार्टर, चौकीदार, फराश, सफाईवाला औरकनिष्ठ गेस्टेटनर आपरेटर की वर्दी के मान डिज़ाइन आदि उन्हें धुलाई भत्ता देनेतथा मालियों, भिइतयों और पानीवालों को संरक्षण-वस्त्र देने के संबंध मेंसमय-समय पर जारी किए गए विभिन्न अनुदेशों को संकलित करने के प्रश्न पर कुछ समयसे विचार किया जा रहा है.
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जो भी हो......जैसा कि सब जगह ही कहते हैं कि इन बदले हुये हालातों के लिये हम सब ज़िम्मेदार हैं.................मुझे सब से ज़्यादा दुःख इसी बात का है कि हम सारा दिन गंदगी को रोना रोते रहते हैं...............साफ ढंग से नहीं हो पा रही है, सफाई वाले अपना काम ठीक ढंग से नहीं कर रहे हैं.........लेकिन बात सोचने की तो यह भी है कि हम आखिर क्या कर रहे हैं!!-मुझे पूरा विश्वास है कि अगर हर घर के द्वार पर भी एक सफाईवाला खड़ा कर दिया जाये...तो भी हमारी हालत में सुधार नहीं हो सकता।