लेकिन सभी के अनुसार वह ग़लत है, पर मन को मज़ा मिल रहा है, तो आप उन थोपे गये क़ानूनों और नियमों की अवहेलना कर के कभी ना कभी फिर से उसी मन की मौज के लिए निकल पड़ेंगे।
12.
कोई भी उनको फरेबी या ठग या ज्ञान का दंभ भरने वाला न कहता था, सभी के अनुसार वे समय के साथ प्राप्त अनुभवों के स्वामी और समझदार इंसान थे जो चापलूसी से परे था और न केवल अपने बल्कि दूसरों के भी जीवन की गतिविधियों का नियंत्रण कर सकता था।
13.
नीतियों के मामले में कोई भी यह नहीं कह सकता है कि वे ठीक ढंग से बनायीं गयीं या नहीं क्योंकि सभी के अनुसार विकास के अलग अलग आयाम हैं और हर दल अपने अनुसार ही विकास को देखता है जबकि आज देश की आवश्यकता के अनुसार इस तरह से नियमों को बनाने की आवश्यकता है कि आने वाली कोई भी सरकार उस के ख़िलाफ़ जाने की न सोचे.