यहां आप विशेष रूप से आहत हो सकते हैं क्योंकि इस ब्लाग के उदाहरण वास्तविक, प्रमाण सहित तथा समाज द्वारा स्वीकृत होंगे और आपके आदर्श या धारणा के विपरीत भी हो सकते हैं।
12.
या फिर समाज द्वारा स्वीकृत नहीं है! इसीलिए एक दुसरेसे प्रतियोगिता चल रही है! कुछ खास होने की प्रतियोगिता! आम आदमी खास होना चाहता है! खास आदमी और खास होना चाहता है!
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इसे दूर करने के समाज द्वारा स्वीकृत ढंग जब असफल हो जाते है तब व्यक्ति ऐसा ढंग अपनाता है जो सफल हो, भले ही वह समाज के लिये हानिकर और उसके द्वारा अस्वीकृत ही क्यों न हो।
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इसे दूर करने के समाज द्वारा स्वीकृत ढंग जब असफल हो जाते है तब व्यक्ति ऐसा ढंग अपनाता है जो सफल हो, भले ही वह समाज के लिये हानिकर और उसके द्वारा अस्वीकृत ही क्यों न हो।
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संयुक्त सक्रियता और संप्रेषण सामाजिक प्रतिमानों (social patterns), यानि व्यक्तियों की अन्योन्यक्रिया तथा परस्पर संबंधों के लिए समाज द्वारा स्वीकृत व्यवहार के मानकों (standards) पर आधारित सामाजिक नियंत्रण की परिस्थितियों में संपन्न होते हैं।
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मानक वही होता है, जो समाज द्वारा स्वीकृत होता है, आप चाहे जो कहें यह आपकी इच्छा है, जहाँ तक हिन्दीकुंज का प्रश्न है तो इसका उद्देश्य केवल हिन्दी साहित्य के छात्रों,पाठकों व जिज्ञासु सुधी जनों का सहयोग करना है।
17.
पर हर किसी को तो एक ही जिंदगी मिलती है...उसे भी जिंदगी के हर रंग को महसूस करने का...हर पल को जीने का अधिकार है...वो अपनी जिंदगी बेरंग ही गुज़ार दे...क्यूंकि उसके लिए समाज द्वारा स्वीकृत मसीहा को कोई दिलचस्पी नहीं रंग-कूची और कैनवास में.
18.
फ़िर भी जरा एक नज़र डालते हैं इन लोक मान्यताओं पर एक लोक प्रचलित है की लड़की की तुलना में लड़का कुलदीपक या वंश चालक होता है उसका पालन पोषण लड़की से अधिक अच्छा किया जाता है और वह सब उन मानव अधिकारों को प्राप्त करता है जो पुरूष समाज द्वारा स्वीकृत हैं...
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कभी-कभी पोस्ट का टाइटल देखकर ये अंदाज़ा लगाना मुश्किल हो जाता है की आखिर पोस्ट है किस विषय पर | लेकिन आज मैं जिस विषय पर पोस्ट लिखने जा रही हूँ वो कहीं न कहीं समाज द्वारा स्वीकृत मुद्दा नहीं है | हमारे समाज का एक ऐसा हिस्सा जिसे आज भी बहुत अच्छी नज़र से नहीं देखा जाता है | जी हाँ मैं बात कर रही हूँ
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[34] अमेरिकन समोअन मोनिका मिलर, जो फोरम की सह अध्यक्ष हैं, ने कहा, “पर्यवेक्षकों को सेंसरशिप के मानकों पर आश्चर्य है जो ऐसे देश में लागू किया जा रहा है जहाँ फा'फाफाइन को एक स्थापित तथा सम्मानित भूमिका दी जा रही है.”[34] फा'फाफाइन ऐसे जीव विज्ञानी पुरुष हैं जो बड़े होकर महिला लिंग की भूमिका धारण करते हैं, इस प्रकार ये सामोन समाज द्वारा स्वीकृत एक तीसरे लिंग बन जाते हैं.