नारीवाद को समानतावाद कहने से समस्या के मूल का पता ही नहीं चलेगा क्योंकि फिर हर कोई यह पूछेगा कौन समान, किसके समान आदि.
12.
उनके अनुसार जरूरी नहीं कि समानतावाद में जिसे व्यक्ति की जरूरत या सुख मानकर बांटा गया हो, उससे सभी को एक समान संतुष्टि प्राप्त होती हो.
13.
दूसरी बात जो यह उठी थी कि नारीवाद को समानतावाद क्यों न कहा जाय तो इसके जवाब में मैं यह कहूँगी कि नारीवाद और समानतावाद दो अलग सिद्धान्त हैं.
14.
दूसरी बात जो यह उठी थी कि नारीवाद को समानतावाद क्यों न कहा जाय तो इसके जवाब में मैं यह कहूँगी कि नारीवाद और समानतावाद दो अलग सिद्धान्त हैं.
15.
दूसरी बात जो यह उठी थी कि नारीवाद को समानतावाद क्यों न कहा जाय तो इसके जवाब में मैं यह कहूँगी कि नारीवाद और समानतावाद दो अलग सिद्धान्त हैं.
16.
दूसरी बात जो यह उठी थी कि नारीवाद को समानतावाद क्यों न कहा जाय तो इसके जवाब में मैं यह कहूँगी कि नारीवाद और समानतावाद दो अलग सिद्धान्त हैं.
17.
चूंॅकि वह स्वतंत्र भारत में निष्पक्षता एवं समानतावाद के सिद्धांतों को मजबूती पकड़ते देखना चाहते थे, इसलिए वे नेहरू के अंतरिम मंत्रिमण्डल के साथ-साथ आजादी मिलने के बाद उनके प्रथम मंत्रिमण्डल में शामिल होने के लिए तैयार हो गए।
18.
वह शान और शौकत, वह गुरूतासूचक बाह्रा आडम्बर, वह बनावटी पवित्रता सूचक पाखंड, जो अक्सर श् मशान-स् थान और मकबरों में दिखाई देता है, यहाँ इस समानतावाद के आचार्य के मकबरे में नही पाया जाता।
19.
दूसरा मुद्दा यह है कि नारीवाद जब स्त्री-पुरुष दोनों की समानता की बात करता है तो उसे नारीवाद क्यों कहा जाय, समानतावाद क्यों नहीं? देखने में ये दोनों बातें अलग-अलग लग सकती हैं, परन्तु ये दोनों ही बातें एक बात से जुड़ी हैं और वह है-समानतावा द.