किस्सा कोताह यह कि विगत वर्ष हिंदी की दुनिया समारोही तो रही लेकिन ‘जजमान की जय हो ' की भावना ही बलवती रही।
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वैसे तो लेखक की यह धारणा रही है कि इस तरह के समारोही जमावड़े अधिकतर तिकड़मबाज लेखकों की सैरगाह रहे आए हैं.
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किस्सा कोताह यह कि विगत वर्ष हिंदी की दुनिया समारोही तो रही लेकिन ‘ जजमान की जय हो ' की भावना ही बलवती रही।
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हालांकि औपचारिक चित्रलिपि का इस्तेमाल समारोही भूमिका में चौथी शताब्दी तक होता रहा है, जिसके अंत तक सिर्फ चंद पुजारी इसे पढ़ सकते थे.
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[११३] हुनत औपचारिक चित्रलिपिको प्रयोग समारोही भूमिकामा चौथी शताब्दी सम्म होता रहेको छ, जसको अन्त सम्म सिर्फ चंद पूजारी यसलाई पढ सकते थिए।
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[113] हालांकि औपचारिक चित्रलिपि का इस्तेमाल समारोही भूमिका में चौथी शताब्दी तक होता रहा है, जिसके अंत तक सिर्फ चंद पुजारी इसे पढ़ सकते थे।
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[113] हालांकि औपचारिक चित्रलिपि का इस्तेमाल समारोही भूमिका में चौथी शताब्दी तक होता रहा है, जिसके अंत तक सिर्फ चंद पुजारी इसे पढ़ सकते थे.
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अब स्थानीय वासी केवल परंपरागत पूजा के जैसे पितृ-पूजा, नवरात्र, शिवरात्रि एवं समारोही प्रथाओं पर आकर मूल निवास स्थान से अपना संबंध जोड़े रखते हैं।
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सर्जना के भाल पर श्रद्धा के अक्षत: भोपाल-दृढ़ संकल्प और आस्था के पावन संगम से पैदा नौनिहाल ‘ स्पंदन ; की प्रथम समारोही पहल अभिभूतकारी सिद्ध हुई।
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आईये इस समारोही संसकार में आज़रबैजनी जमीन की रक्षा और प्रभु-सत्ता के लिये अपने जान के बलिदान करनेवाले उन शहीदों की याद करने के लिये एक मिनट की मौन करें.