इन ग्रंथों की संख्या लेखक पद्धति भिन्नराशिक व्यवहार तथा मिश्रानुपात, बीजगणित समीकरण एवं इनके अनुप्रयोग, विविध श्रेणियाँ, क्रमचय-संचय, घातांक, लघुगणक के नियम, समुच्चय सिद्धांत आदि अनेक विषयों पर विशद् प्रकाश डाला गया है।
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इन ग्रंथों की संख्या लेखक पद्धति भिन्नराशिक व्यवहार तथा मिश्रानुपात, बीजगणित समीकरण एवं इनके अनुप्रयोग, विविध श्रेणियाँ, क्रमचय-संचय, घातांक, लघुगणक के नियम, समुच्चय सिद्धांत आदि अनेक विषयों पर विशद् प्रकाश डाला गया है।
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इन ग्रंथों की संख्या-लेखक-पद्धति, भिन्नराशिक व्यवहार तथा मिश्रानुपात, बीजगणित समीकरण एवं इनके अनुप्रयोग, विविध श्रेणियाँ, क्रमचय-संचय, घातांक, लघुगणक के नियम, समुच्चय सिद्धांत आदि अनेक विषयों पर विशद् प्रकाश डाला गया है।
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पॉल कोहेन (Paul Cohen)और कुर्त गोडेल (Kurt Gödel)ने साबित किया कि सतत परिकल्पना (continuum hypothesis) समुच्चय सिद्धांत के मानक स्वतः सिद्ध प्रमाणों (independent)से स्वतंत्र (standard axioms of set theory)है(जिसे इससे प्रमाणित या अप्रमाणित नहीं किया जा सकता है).
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बाद में १९ वीं शताब्दी में, जॉर्ज केंटर (Georg Cantor)ने समुच्चय सिद्धांत की पहली नींव रखी, जिसने अनंत के संकेतन के कठोर उपचार के सक्षम बनाया, और यह लगभग सभी गणित की एक सामान्य भाषा बन गयी है.
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वॉन न्यूमैन एक बुद्धिमान गणितज्ञ थे, जिनका कार्य समुच्चय सिद्धांत से लेकर उनकी गणनाओं, जो अणु व हाइड्रोजन बमों दोनों के विकास की कुंजी थीं, और अंततः संगणकों के विकास के उनके कार्य तक व्यापक रूप से फ़ैला हुआ था.
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वॉन न्यूमैन एक बुद्धिमान गणितज्ञ थे, जिनका कार्य समुच्चय सिद्धांत से लेकर उनकी गणनाओं, जो अणु व हाइड्रोजन बमों दोनों के विकास की कुंजी थीं, और अंततः संगणकों के विकास के उनके कार्य तक व्यापक रूप से फ़ैला हुआ था.
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केंटर का समुच्चय सिद्धांत, और पियानो (mathematical logic), एल ई जे ब्रोवर (Peano), डेविड हिल्बर्ट (L. E. J. Brouwer), बर्ट्रेंड रसेल, और ऐ एन व्हाइटहेडके गणितीय तर्क (A.N. Whitehead)ने गणित की नींव (foundations of mathematics)पर एक लम्बी दौड़ की बहस शुरू की.
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२०० ई. के बीच, जयना गणितज्ञों ने मात्र गणित के उद्देश्यों के लिए गणित का अध्ययन शुरू किया.वे पहले लोग थे जिन्होंने पारपरिमित संख्याओं (transfinite numbers), समुच्चय सिद्धांत, लघुगणक, सूचकांकों के मूल नियम (indices), घन समीकरण (cubic equation), द्विघात समीकरण (quartic equation), अनुक्रम (sequences), और उन्नयन, क्रमचय और संचय (permutations and combinations), वर्ग करना और वर्ग मूल (square root)निकालना, और परिमित और अपरिमित (infinite) घातों (powers)का विकास किया.