उपन्यास, कहानी संग्रह, कविता संग्रह लिखे, अपने पैसों से छपवाये, अपने डाक व्यय से देश के पाठकों को भेंट स्वरूप भेजे, एक आयोजन स्वयं के व्यय पर कर विमोचन करवा ले, समीक्षक से समूल्य समीक्षा करवा ले और किसी पत्रिाका या पत्रिाकाओं को अनुदान देकर समीक्षा प्रकाशित करवा ले।