५ सूत्र १३, मन्त्र १ से १२ तक यह सारा प्रकरण ही सर्पविष नाशक औषधियों केबारे में है.
12.
यह अगद शर्करा, अश्मरों, तातगुल्न, कास, शूल, उदर रोग, अजीर्ण, ग्रहणीदोष, अरुचि, शोथ, श्वास तथा सर्पविष आदि नष्ट करता है.
13.
अभी माँ चैन से साँस भी न ले पाई थी कि जंवाई के सर्पविष से मौत का समाचार आ गया।
14.
इसकी छाल का काढ़ा विषनाशक है ; किसी ने तो यहाँ तक कहा कि यह सर्पविष का भी इलाज है.
15.
उसके अनंतर क्रमानुसार सर्पविष नाशक गरूड़ज्ञान, सर्ववशीकरण प्रतिपादक कामज्ञान, भूतों का निवारक फ़ भूततंत्रफ़ और शत्रुदमन के लिये उपयोगी फ़ भैरव तंत्र फ़ का स्थान जानना चाहिए।
16.
विष का असर केवल खून में जाने पर ही होता है यदि किसी के मुंह में छाला, पेट में अल्सर आदि न हो तो वह सर्पविष बिना नुकसान के पचा भी सकता है.
17.
इस नदी के बारे में लोगों की धारणा थी कि इसके पानी में सर्पविष दूर करने का अलौकिक गुण है लेकिन आज यह नाले के रूप में खुद की बेबसी पर बिलख रही है।
18.
जब रोगी सन्निपात या सर्पविष से मूर्छित हो तो उसके सिर पर (तालु पर) छुरे सेत्वचा को जरा खुरच दें तथा सुई की नोंक से शीशी में से औषध निकाल कर उस स्थानपर मल दें.
19.
विष का असर केवल खून में जाने पर ही होता है यदि किसी के मुंह में छाला, पेट में अल्सर आदि न हो तो वह सर्पविष बिना नुकसान के पचा भी सकता है.
20.
यह टपकती है जो इक बूँद: अमृत है या विषसर्पविष मारता है तो जान भी बख्श देता है-सर्प विष से ही प्रति सर्पविष यानि एंटी वेनम बनाया जाता है जो साँप काटे का शर्तिया इलाज है!