यह आय अर्जित करने के लिए संपत्ति की सहज क्षमता होती है और इसे एक वर्ष से दूसरे वर्ष में किराए से प्राप् त प्रत् याशित राशि के रूप में परिभाषित किया गया है।
12.
हरानबाबू की धारणा थी कि शिथिल हृदय में भी उत्साह का संचार कर दे सकते हैं, जड़मति को भी रास्ते लगा देने और पथभ्रष्ट जीवन को अनुताप से विगलित कर देने की उनमें सहज क्षमता है।
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विभिन्न मनोवैज्ञानिक स्थितियों को उनके पूरे नाटकीय माहौल और वातावरण के साथ-गम्भीर विश्लेषण या व्यंग्य विद्रूप के आवरण में-हू-ब-हू साकार सजीव रुप में पेश कर सकने की सहज क्षमता का यह एक उदाहरण मात्र है।
14.
ऐसे समाज में शिक्षा, व्यक्ति की सहज क्षमता का विकास करने के साथ ही हमारे वर्तमान समाज की सत्ता और सफलता का गुणगान करने की जगह उसके अन्दर अपने जैसे लोगों के प्रति एक जिम्मेदारी की भावना को विकसित करने का प्रयास करेगी।
15.
-चरित्र मनुष्य के अन्दर रहता है, यश उसके बाहर-अज्ञात-स्वास की क्रिया के सामन हमारे चरित्र में एक ऐसी सहज क्षमता होनी चाहिए जिसके बल पर जो कुछ प्राप्य है वह अनायास ग्रहण कर लें और जो त्याज्य है वह बिना क्षोभ के त्याग सकें-टैगोर
16.
एकान्त के रूप में किया जा रहा है, वह अपने अस्तित्व की रक्षा करने की कोशिश करता है और यह कि उन लोगों के करीबी हैं जो उस से पूछा, अपने व्यक्तिगत इच्छाओं को पूरा करना है, और उनकी सहज क्षमता विकसित करने की है.
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मेरा आखिरी झटका था समझ मैं पिछले पोस्ट में यहाँ व्यक्त करने की कोशिश की है कि सबसे, अगर हमारे सांसारिक समस्याओं के सभी आदमी की सहज क्षमता से आने के लिए उसके अहंकृति बस के बारे में किसी भी अनैतिक का औचित्य सिद्ध करने के लिए अनुमति, अनुचित, शोषण और अवैध कार्रवाई वह या वह बारे में सोच सकते हैं.
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द्रौपदी का बहुपतित्व उसकी सामर्थ्य में किस प्रकार वृद्धि कर उसे भारतीय इतिहास पुराण की सर्वश्रेष्ठ स्त्री के रूप में प्रतिष्ठित करता है-इस तथ्य की स्थापना के क्रम में एक अन्य सत्य उद्घाटित हुआ कि आदिवासी स्त्री की मूल्य संकल्पना, प्रखर स्वातंत्र्यचेतना और बहुपतित्व के निर्वाह की अद्भुत सहज क्षमता महाभारत की द्रौपदी में उसी रूप और मात्रा में विद्यमान है।
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बाल यौन अपराधियों के अध्ययन, 1982 और 2001 के बीच प्रकाशित एक गुणात्मक शोध अध्ययन की समीक्षा में निष्कर्ष निकाला गया कि पीडोफाइल अपने व्यक्तिगत जरूरतों को पूरा करने के लिए संज्ञानात्मक विरूपण का उपयोग करते हैं और बहाने के द्वारा दुराचार न्यायोचित ठहराते हैं, प्यार और पारस्परिकता से अपने कार्यों को पुनर्परिभाषित करते हैं और सभी वयस्क-बाल संबंधों में सहज क्षमता का शोषण करते हैं.
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बाल यौन अपराधियों के अध्ययन, 1982 और 2001 के बीच प्रकाशित एक गुणात्मक शोध अध्ययन की समीक्षा में निष्कर्ष निकाला गया कि पीडोफाइल अपने व्यक्तिगत जरूरतों को पूरा करने के लिए संज्ञानात्मक विरूपण का उपयोग करते हैं और बहाने के द्वारा दुराचार न्यायोचित ठहराते हैं, प्यार और पारस्परिकता से अपने कार्यों को पुनर्परिभाषित करते हैं और सभी वयस्क-बाल संबंधों में सहज क्षमता का शोषण करते हैं.