जहां सारे मनुष्यों के पास जगह थी चाहे वे बिस्तर पर बीमार ही क्यों न पड़े रहते हों-क्योंकि खुद की जगह के अलावा वे अपने परिवारों की जगहों पर भी रहते हैं-उसके पास भी जगह थी जो वर्षों के बीतने के साथ छोटी होती चली गई और जब उसकी मृत्यु हुई उसका ताबूत ही उसके लिए सही नाप का था.