केवल आधुनिक मुक्त-छन्द में लिखित साहित्य ही साहित्य-पद-वाच्य है और पूर्व सूरियों या सांप्रतिक सूरियों की पारम्परिक छन्दोबद्ध कविता साहित्य-पद-वाच्य नहीं-इस प्रकार सोचना नितान्त भ्रम है ।
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केवल आधुनिक मुक्त-छन्द में लिखित साहित्य ही साहित्य-पद-वाच्य है और पूर्व सूरियों या सांप्रतिक सूरियों की पारम्परिक छन्दोबद्ध कविता साहित्य-पद-वाच्य नहीं-इस प्रकार सोचना नितान्त भ्रम है ।
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' ' उनके अपने शब्दों में ‘‘ सांप्रतिक युग का मुख्य प्रश्न सामूहिक आत्मा का मनःसंगठन है, अतः आधुनिक मानव को अंतः शुद्धि के द्वारा अन्तर्जगत के नये संस्कारों को गढ़ना है।
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ध्यान के संबंध में बहुत सी प्रायोगिक परीक्षाएँ भी हुई हैं-जेवंस तथा हैमिल्टन द्वारा ध्येय और ध्येता के बीच की दूरी (रेंज ऑव एटेंशन) का माप, विटेनबोर्न द्वारा फैक्टर विश्लेषण की आँकड़ा शास्त्रीय पद्धति पर विशेष परिस्थित क्रम में अंकों के समानुवर्तन के साथ ध्यान प्रक्रिया की सहमति; मौर्गन तथा फोर्ड द्वारा आकस्मिक हरकतों, दोलनों अथवा चेष्टाओं से ध्यान का संबंधनिरूपण, और इसी प्रकार वस्तुओं के नए एवं पुराने; तीव्र और मंद आदि गुणों में प्रथम से ही ध्यान का सांप्रतिक संबंध;
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ध्यान के संबंध में बहुत सी प्रायोगिक परीक्षाएँ भी हुई हैं-जेवंस तथा हैमिल्टन द्वारा ध्येय और ध्येता के बीच की दूरी (रेंज ऑव एटेंशन) का माप, विटेनबोर्न द्वारा फैक्टर विश्लेषण की आँकड़ा शास्त्रीय पद्धति पर विशेष परिस्थित क्रम में अंकों के समानुवर्तन के साथ ध्यान प्रक्रिया की सहमति; मौर्गन तथा फोर्ड द्वारा आकस्मिक हरकतों, दोलनों अथवा चेष्टाओं से ध्यान का संबंधनिरूपण, और इसी प्रकार वस्तुओं के नए एवं पुराने; तीव्र और मंद आदि गुणों में प्रथम से ही ध्यान का सांप्रतिक संबंध;
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यह सम्भवत: पूरातन खिज्जिंग राज्य का एक अंश है जिसका राजधानी खिज्जिंग कोटा में था | सांप्रतिक समय में खिज्जिंग कोटा खिचिं के नाम से जाना जाता है | १ २ वीं शताब्दी के प्रथमार्द्ध में, राजा ज्योति भंज के नेतृत्व में यह एक स्वतंत्र राज्य बना था | ज्योति भंज के राजा वनने के अनेक पहले से केन्दौझर कि सीमारेखा वर्त्तमान राज्य के केवल उत्तरी भाग तक हि सीमित था | १ ५ वीं शताब्दी के शेषभाग में राजा गोविन्द भंज ने दक्षिण भाग अधिकार किया ।
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भुवनेश्वर: राज्य सरकार को हर मोर्चे पर फेल बताते हुए समृद्ध ओडिशा ने प्रदेश की सांप्रतिक स्थिति पर गहरी चिंता जताई है। समृद्ध ओडिशा के अध्यक्ष जतीश महांति ने कहा कि सरकार प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति संभालने में विफल रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में महिलाओं पर उत्पीड़न की घटनाएं सीमा पार कर गई हैं। दहेज हत्या व बलात्कार की घटनाएं चरम पर हैं। साथ ही चोरी, डकैज व राहजनी जैसे अपराध बढ़ते ही जा रहे हैं। विधानसभा का सत्र चालू है और विधानसभा के समक्ष जिस तरह का दृश्य उपन्न हो रहा ह