यहां बचाव-पक्ष के तर्क अनुसार यह अवश्य कहा जा सकता है कि अभियुक्त चन्दाराम ने टेªप कार्यवाही के दौरान इस आशय के स्पष्टीकरण दो बार दिये थे जिसमें प्रथम स्पष्टीकरण (रनिंग नोट का पृष्ठ सम्बन्ध में अभिलेख पर आई साक्ष्य का विवेचन किया जा रहा है।
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गुणावगुण इससे पहले कि टेªप के सम्बन्ध में अभिलेख पर आई साक्ष्य का पर विवेचन किया जाए, यहां बचाव पक्ष की ओर से अभियोजन-स्वीकृति के सम्बन्ध में की गई आपत्ति को लेकर अभियोजन साक्ष्य का विवेचन किया जा रहा है जिसमें न्यायालय को यह देखना है कि क्या अभियुक्त सम्पतराज के विरूद्ध जारी की गई अभियोजन-स्वीकृति एक विधिमान्य अभियोजन-स्वीकृति है?
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यह बात अलग है कि इसने यह राशि जून माह की रसीदों पेटे होना बताया लेकिन इस सम्बन्ध में अभिलेख पर आई साक्ष्य का विवेचन आगे किया जायेगा और यहां उपर्युक्त बरामदगी के निर्विवाद तथ्य को देखते हुये यही कहा जा सकता है कि रिपोर्ट प्रदर्श पी. 14 में अथवा टेªप अधिकारी द्वारा परिवादी से की गई पूछताछ के पृष्ठांकन में रिश्वत राशि लेने के समय का उल्लेख नहीं होने मात्र से मामला में गुणावगुण पर विपरीत तौर से कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।