| 11. | इस कारण अधिमानस और अतिमानस को मानस के सादृश्य से नहीं जाना जा सकता है।
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| 12. | अर्थात् अर्थ के सादृश्य से ही लक्ष्यक्रम व्यंग्य जायसी में मिलता है, श्लेष के सहारे पर नहीं।
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| 13. | इसी प्रकार प्रत्येयत्व (ज्ञेयत्व) धर्म के सादृश्य से द्योत्य और व्यंग्य अर्थ भी उपचारदृष्ट्या वाच्य कहे जा सकते हैं।
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| 14. | जिस अर्थ से सादृश्य से बोध किया जाता है, बोधोपकाररूप फल को देने वाला उसको विद्वान लोग दृष्टान्त कहते हैं।
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| 15. | किसी जानी हुई वस्तु के सादृश्य से न जानी हुई वस्तु का ज्ञान जिस प्रमाण से होता है वही उपमान है।
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| 16. | पहला आधार मूलभूत है, तथा अपनीऐच्छिक गति के सादृश्य से रूसो परिणाम निकालता है कि इसका भी उसी प्रकारका कारण होना चाहिए.
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| 17. | मामले का अध्ययन चर्चा, व्यायाम और सिमुलेशन, प्रतिभागियों सादृश्य से जानने के लिए बेहतर अपनी 'कंपनियों चुनौतियों का सामना करने के कारण.
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| 18. | वह लाहिरी महाशय और महावतार बाबाजी के बीच सादृश्य से आश्चर्यचकित था. [2][5] दूसरे जो बाबाजी से मिले उन्होंने भी समानता पर टिप्पणी की.
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| 19. | सादृश्य से, एक जैसे कोयला, लकड़ी, या पेट्रोल, और “ आत्मा ” के रूप में “ धर्म ” आग देख सकते हैं.
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| 20. | (2) शुद्धा प्रयोजनवती लक्षणा-जहाँ गुण सादृश्य के अतिरिक्त अन्य किसी सादृश्य से लक्ष्यार्थ ग्रहण किया जाये, वहाँ शुद्धा प्रयोजनवती लक्षणा होती है।
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