तथा मस्तिष्कखंडछेदन “अभी इतना अपूर्ण है कि मानसिक विकृतियों के जीर्ण मामलों के विरुद्ध सामान्य कदम उठाने में यह हमारी कोई सहायता नहीं कर सकता” और कहा कि “मनोशल्यक्रिया अभी तक अपने सटीक निदेश तथा निषेध खोजने में असफल रही है और दुर्भाग्य से तरीकों को कई मायनों में अपक्व और खतरनाक माना जाएगा. ”
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तथा मस्तिष्कखंडछेदन “अभी इतना अपूर्ण है कि मानसिक विकृतियों के जीर्ण मामलों के विरुद्ध सामान्य कदम उठाने में यह हमारी कोई सहायता नहीं कर सकता” और कहा कि “मनोशल्यक्रिया अभी तक अपने सटीक निदेश तथा निषेध खोजने में असफल रही है और दुर्भाग्य से तरीकों को कई मायनों में अपक्व और खतरनाक माना जाएगा. ”