इस प्रकार के एक मात्र एकीकृत क्षेत्र का निर्माण कैसे होगा? क्या राजकीय क्षेत्र द्वारा सामूहिक फार्म को हड़प लिए जाने से यह होगा? यह किसी तरह संभव नहीं है, क्योंकि ऐसा करना वास्तविकता के सामूहिक फार्म को लूटना होगा।
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तब किसानों से जमीन छीनकर जबरदस्ती सामूहिक फार्म बना दिये गये और विरोध करने वाले लाखों किसानों को स्टालिन राज में मौत के घाट उतार दिया गया या दूरदराज के इलाकों में निष्कासित करके निर्माण कार्यों में मजदूरी पर लगा दिया गया ।
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तब किसानों से जमीन छीनकर जबरदस्ती सामूहिक फार्म बना दिये गये और विरोध करने वाले लाखों किसानों को स्टालिन राज में मौत के घाट उतार दिया गया या दूरदराज के इलाकों में निष्कासित करके निर्माण कार्यों में मजदूरी पर लगा दिया गया ।
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तब किसानों से जमीन छीनकर जबरदस्ती सामूहिक फार्म बना दिये गये और विरोध करने वाले लाखों किसानों को स्टालिन राज में मौत के घाट उतार दिया गया या दूरदराज के इलाकों में निष्कासित करके निर्माण कार्यों में मजदूरी पर लगा दिया गया ।
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एक सामूहिक फार्म और एक राजकीय फार्म में मुख्य अंतर यह है कि जहाँराजकीय फार्म पर श्रमिकों को केवल मजदूरी पाने का ही अधिकार होता है वहाँसामूहिक फार्म के मजदूर किसान सदस्य होते हैं जो उत्पादन के साधनों केसामूहिक रूप से स्वामी होते हैं और फार्म के प्रबंध में भाग लेते हैं.
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हमारे देश में यह विभेद केवल इस तथ्य में नहीं है कि कृषि के श्रम से भिन्न हैं उद्योग के श्रम, बल्कि मुख्य रूप से, प्रमुखतया इस तथ्य में कि जहाँ उद्योग में उत्पादन के साधनों और उत्पाद पर सार्वजनिक स्वामित्व है, वहीं कृषि में सार्वजनिक नहीं, किन्तु समूह का स्वामित्व वाला सामूहिक फार्म है।
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यह सही है कि जब वर्तमान के दो बुनियादी उत्पादन क्षेत्रों (राजकीय औद्योगिक पदों और सामूहिक फार्म क्षेत्र) के स्थान पर केवल एक ही समग्र उत्पादन क्षेत्र (One all embracing production sector) होगा, जिसे देश के अंदर समस्त उपभोक्ता सामग्रियों को निबटाने का अधिकार प्राप्त होगा तो मुद्रा के लिए माल का परिचलन लुप्त हो जाएगा क्योंकि वह राष्ट्रीय अर्थ व्यवस्था में अनावश्यक हो जाएगा।
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यह बगैर पूँजीपतियों के ऐसे माल का उत्पादन है जिसका संबंध मुख्य रूप से सम्बन्ध समाजवादी उत्पाकद को (राजकीय, सामूहिक फार्म, सहकारिता) की आवश्यक सामग्रियों से है, जिनका कार्य क्षेत्र व्यक्तिगत उपभोक्ता सामानों की किस्मों तक सीमित है जो स्पष्टतः पूँजीवादी उत्पादन की ओर नहीं जा सकता, क्योंकि दोनो क्षेत्रों को इस तरह बनाया गया है कि ये दोनों मिलकर समाजवाद उत्पादन को विकसित और सुदृ करेंगे।