| 11. | (२) सायुज्य-यह भगवत्सेवा की फलात्मिक अनुभूति है।
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| 12. | शब्द स्वर सायुज्य की एक समस्या थी।
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| 13. | परंतु सायुज्य मुक्ति केवल कुलागम से ही प्राप्य है।
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| 14. | ज्ञानी की लयात्मक सायुज्य मुक्ति होती है।
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| 15. | अर्थात व्रतोपवास से शिव सायुज्य की प्राप्ति होती है।
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| 16. | दण्ड पा चुके महिषासुर को सायुज्य प्रदान करती है,
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| 17. | और उन्होने सायुज्य प्राप्त कर लिया
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| 18. | अष्टांग योग खिलाये अन्तस कमल, ईश सायुज्य हो सरल!!34!!
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| 19. | पुष्टिभक्त ज्ञानियों की सायुज्य मुक्ति में कोई रूचि नहीं रखता।
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| 20. | पुष्टिभक्त ज्ञानियों की सायुज्य मुक्ति में कोई रूचि नहीं रखता।
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