जोंक और सींगी लगाने वाली कंजरियां रोज़ फेरी लगाती थीं, अगर उस समय के किसी हकीम का हाथ आजकल के नौजवानों की नब्ज़ पर पड़ जाये तो कोई नौजवान ऐसा न बचे जिसके जहां-तहां सींगी लगी नज़र न आये।
12.
जोंक और सींगी लगाने वाली कंजरियां रोज़ फेरी लगाती थीं, अगर उस समय के किसी हकीम का हाथ आजकल के नौजवानों की नब्ज़ पर पड़ जाये तो कोई नौजवान ऐसा न बचे जिसके जहां-तहां सींगी लगी नज़र न आये।
13.
जोंक और सींगी लगाने वाली कंजरियां रोज़ फेरी लगाती थीं, अगर उस समय के किसी हकीम का हाथ आजकल के नौजवानों की नब्ज़ पर पड़ जाये तो कोई नौजवान ऐसा न बचे जिसके जहां-तहां सींगी लगी नज़र न आये।
14.
जोंक और सींगी लगाने वाली कंजरियां रोज़ फेरी लगाती थीं, अगर उस समय के किसी हकीम का हाथ आजकल के नौजवानों की नब्ज़ पर पड़ जाये तो कोई नौजवान ऐसा न बचे जिसके जहां-तहां सींगी लगी नज़र न आये।
15.
इसका डर ऐसा बैठा कि दुकान के सामने से बढ़ई, खटबुने, सींगी लगाने वालियों और सहरी (रमज़ान के महीने में दिन निकलने से पहले खाया जाने-वाला खाना) के लिये जगाने वालों ने भी निकलना छोड़ दिया।
16.
शाहीचितवनराष्ट्रीयउद्यान बहुत सी अन्य सामान्य प्रजातियों जैसे गौर, जंगली हाथी, चार सींग वाले बारहसिंहा, धारीदार लकड़बग्घे, चींटीख़ोर, गैंजेटिक डॉलफिन, गोह छिपकली और अजगर के साथ-साथ लुप्तप्राय एक सींगी गैंडे, बाघ और घड़ियाल मगरमच्छ के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है।
17.
२. सिर पर बांधने के लिये रोटी जैसा आकार बनाना होगा जिसकी विधि इस तरह है-कूठ + कलौंजी + सींगी मोहरा + बच + अजमोद + अजवाइन + पुष्कर मूल (इसे पोहकर मूल भी कहते हैं) इन सभी औषधियों को तीन-तीन ग्राम ले लीजिये और एकदम बारीक पीस लीजिए।
18.
२. सिर पर बांधने के लिये रोटी जैसा आकार बनाना होगा जिसकी विधि इस तरह है-कूठ + कलौंजी + सींगी मोहरा + बच + अजमोद + अजवाइन + पुष्कर मूल (इसे पोहकर मूल भी कहते हैं) इन सभी औषधियों को तीन-तीन ग्राम ले लीजिये और एकदम बारीक पीस लीजिए।