| 11. | सीस चढ़ाये पोटली, जात न देखा कोई।।
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| 12. | (ख) सती होइ कहँ सीस उघारा।
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| 13. | प्रेम पियाला जो पिए, सीस दक्षिना देय।
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| 14. | जहां सकल सुर सीस मनि राम लीन्ह अवतार।।
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| 15. | सीस पर बहता हुआ तूफान जाता है चला,
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| 16. | सीस कक्ष से प्राप्त अम्ल अशुद्ध होता है।
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| 17. | तुलसी सब के सीस पर रखवारो रघुराउ ॥
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| 18. | सांई कारन सीस दे, सूरा जानी सोय।।
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| 19. | ' कबिरा' ऐसे सुहाग पर कौन बँधावे सीस ॥४॥
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| 20. | सीस उतारो भूइं धरो फिर पैठो घर माहि।
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