वापस 1967 में, “प्यार की गर्मी”, मैं एक विशेष टीवी में सीबीएस के लिए प्रदर्शित किया गया था, जॉनी बेलिंडा मिया सुअर पालना के साथ, कहा जाता है.
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सुअर पालना और भीख मांगकर पेट भरना, यही उन पारधीयों का जीवन था | ये लोग पास के ढाबों से, वहॉं फेका हुआ जूठन (भोजन) जमा कर सुअरों को खिलाते थे, और स्वयं भीख मांगकर पेट भरते थे | उनके बच्चों का शिक्षा से दूर का भी संबंध नहीं था |