ऐसा इस्पात ठोंकने पीटने से कड़ा हो जाता है, अर्थात् सुघट्य तनाव (प्लैस्टिक स्ट्रेन) पड़ने पर स्वयं कड़ा हो जाता है।
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ऐसा इस्पात ठोंकने पीटने से कड़ा हो जाता है, अर्थात् सुघट्य तनाव (प्लैस्टिक स्ट्रेन) पड़ने पर स्वयं कड़ा हो जाता है।
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ऐसा इस्पात ठोंकने पीटने से कड़ा हो जाता है, अर्थात् सुघट्य तनाव (प्लैस्टिक स्ट्रेन) पड़ने पर स्वयं कड़ा हो जाता है।
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अब तक विस्तार से अध्ययन किए गए विषय निम्नलिखित हैं: प्रत्यास्थी तथा सुघट्य आचरण, संसंजन तथा संसंजन ऊर्जाएँ, इलेक्ट्रॉवनीय परिवहन (वैद्युत तथा ऊष्मीय चालकता, हाल प्रभाव, तापविद्युत्); आयनीय परिवहन (विद्युत्परिवहन, रासायनिक और रेडियध
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अब तक विस्तार से अध्ययन किए गए विषय निम्नलिखित हैं: प्रत्यास्थी तथा सुघट्य आचरण, संसंजन तथा संसंजन ऊर्जाएँ, इलेक्ट्रॉवनीय परिवहन (वैद्युत तथा ऊष्मीय चालकता, हाल प्रभाव, तापविद्युत्); आयनीय परिवहन (विद्युत्परिवहन, रासायनिक और रेडियधर्मी विसरण);
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आपका सरकारी कार्य तो भारत और विदेशों में सुविदितरहा है पर भारत की प्रदर्शनकारी और सुघट्य (प्लास्टिक) कलाओं के वर्गीकरण औरव्याख्या करने के क्षेत्र में आपकेसृजनात्मक योगदान के बारे में कम से कमऔसत स्तर के शिक्षित सामान्य व्यक्ति को कुछ अधिक जानकारी नहीं है.
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अब तक विस्तार से अध्ययन किए गए विषय निम्नलिखित हैं: प्रत्यास्थी तथा सुघट्य आचरण, संसंजन तथा संसंजन ऊर्जाएँ, इलेक्ट्रॉवनीय परिवहन (वैद्युत तथा ऊष्मीय चालकता, हाल प्रभाव, तापविद्युत्) ; आयनीय परिवहन (विद्युत्परिवहन, रासायनिक और रेडियधर्मी विसरण) ;