निः संदेह महिला का एक महान स्थान है और इस्लाम ने उसे उसके योग्य स्थान पर स्थापित किया है और जीवन के हर मोड़ पर एक सुरक्षक दिया है जिस पर महिला की देख भाल की जिम्मेदारी अनिवार्य किया है और उसके कल्याण के लिए उसके पुरूष संबंधी पर जिम्मेदारी डाल दिया है जो जीवन के हर मरहले पर उसके आवश्यकता को पूरा करे।