हम यहां यह स्पश्ट करना चाहते है कि एक बीमाकर्ता व्यवसायिक सिद्धान्तों के अनुसार सामान्य जनता के लिए पॉलिसी जारी करते समय षर्तें लगा सकता है किन्तु जैसा कि हम पाते हैं कि बीमा एक सामाजिक सुरक्षा का एक साधन है इसलिए यह संविधान की भावना और संविधान में उल्लेखित सामाजिक आर्थिक न्याय से सुसंगत होना चाहिए।