एक सुदर झलक सुस्वर में सुनाते हुए वे मानवता को एक स्देश भी दे रही थी
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7 भाग ताँबा और 1 भाग राँगा रहने पर मिश्रधातु कड़ी, भंगुर और सुस्वर होती है।
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चैतन्य के सुस्वर कीतर्न पर भक्तगण नाचते, गाते, स्वर झेलते हुए हिर कीतर्न करते थे।
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मुख्य कलाकारों द्वारा विभिन्न चुनौतियों के लिए त्वरित प्रतिक्रिया और उनके सुस्वर प्रतिभा उन्हें नायाब रखा है.
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जब गोपियों ने श्रीकृष्ण के विरह में गाया तो सुकदेवजी कहते हैं रोते हुए करुण एवं सुस्वर में गोपी गीत प्रस्फुटित हुआ।
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बैंड को इसकी विशिष्ट गायन शैली के लिए जाना जाता है जिसमें अक्सर स्टैली और कैंट्रेल के सुस्वर गीत शामिल होते हैं.
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बैंड को इसकी विशिष्ट गायन शैली के लिए जाना जाता है जिसमें अक्सर स्टैली और कैंट्रेल के सुस्वर गीत शामिल होते हैं.
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दुस्वर नामकर्म-जिसके उदय से शोभन (मधुर) स्वर हो वह सुस्वर तथा अमनोज्ञ स्वर होता है वह दु: स्वर नामकर्म है।
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पूर्णिमा देसाई जी शिक्षायतन की निर्देशिका व हर्ता कर्ता है जिनकी रचनाओं का शुमार एक अनंन्त सागर की तरह लहलहाता है, जिसकी एक सुदर झलक सुस्वर में सुनाते हुए वे मानवता को एक स्देश भी दे रही थी-” आओ मानव बनें अब तन मन से ” जो हमेशा एक मार्गदर्शक तुकबंदी है और रहेंगी.
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↑ श्रीविश्वनाथ चक्रवर्ती ने भागवत 2 / 7 / 13 श्लोक की टीका में लिखा है कि जब श्रीहरि के सौन्दर्य, सुस्वर, सुरभि, सुकुमारता, वैदग्ध प्रभृति में चक्षु, कर्ण, नासिका, त्वक, जिह्वा और मन सर्वतो भाव से निमग्न हो जाते है और प्राकृत रूप-रसादि आस्वादन करने के पूर्णरूप से अनिच्छुक हो जाते है, तब समझना चाहिये कि अनर्थ-निवृत्ति हुई है।