| 11. | यह स्थूल जगत है, दूसरा सूक्ष्म जगत है।
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| 12. | सूक्ष्म जगत में ब्रहम भावना ही अर्घ्य समर्पण है।
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| 13. | सूक्ष्म जगत में प्रवेश करने का तरीका
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| 14. | मनुष्य पर सूक्ष्म जगत का प्रभाव
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| 15. | सूक्ष्म जगत में हो रहे अब
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| 16. | पर सूक्ष्म जगत से ब्रह्मांड तक एक श्रृंखलाबद्ध संयोजन है।
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| 17. | सूक्ष्म जगत और जहान-मूलतः,
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| 18. | स्थूल तथा सूक्ष्म जगत पर तिथियों के अधिष्ठाताओं का आधिपत्य है।
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| 19. | दूसरा सूक्ष्म जगत है, जिसका अनुभव हम स्वप्नावस्था में करते हैं।
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| 20. | परंतु सूक्ष्म जगत के लिए समय की कोई सीमा नहीं होती
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