और ये शुरुआत लोकपाल के द्वारा हो रहा है, हमें इस बदलाव को स्वागत करनी चाहिए! और जब बदलाव की बयार बहती है तो यथा-स्थितिवादी में बेचैनी स्वाभाविक है और हम इसे बदलाव के लिए शुभ सूचक मान सकते है!
12.
विकास की एक नई अवधारणा पेश की गयी जिसमें पूंजीपतियों के लाभ में बढ़ोत्तरी को ही विकास का इकलौता सूचक मान लिया गया और कहा गया कि इसमें से ही कुछ बूंदे टपक कर ग़रीबों तक पहुंचेंगी और उनका भी उद्धार होगा.
13.
इस अवधारणा से स्पष्ट होता है कि क्यूं पैरों और हाथों की परिधीय धमनियों में धमनीय दाब, महाधमनी कें धमनीय दाब से अधिक होता है, और इसी तरह सामान्य टखना बाहु दाब सूचक मान सहित बांह की तुलना में टखने में देखा गया अधिक दाब है.
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पर अब जमाना बदल गया है, दो पहिया वाहन तो अब अति पिछड़े गाँव में भी देखे जाने लगे हैं और चार पहिया वाहनों की भी बाढ़ सी आ गयी है | ऐसे समय में साइकिल को निम्न आय वर्ग का सूचक मान लिया गया है |
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इस अवधारणा से स्पष्ट होता है कि क्यूं पैरों और हाथों की परिधीय धमनियों में धमनीय दाब, महाधमनी कें धमनीय दाब से अधिक होता है,[21] [22] [23] और इसी तरह सामान्य टखना बाहु दाब सूचक मान सहित बांह की तुलना में टखने में देखा गया अधिक दाब है.
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और इस परिवर्तन की शुरुआत लोकपाल के द्वारा हो रहा है, हमें इस बदलाव को स्वागत करनी चाहिए! कर्मयोगी अन्ना के निष्काम सान्निध्य में इस पावन राष्ट्रिय यज्ञ को सफल बनने में पूर्ण सहयोग देना चाहिए! और जब बदलाव की बयार बहती है तो यथा-स्थितिवादी में बेचैनी स्वाभाविक है और हम इसे बदलाव के लिए शुभ सूचक मान सकते है!