(दो) बिना किसी पुख्ता सबूत और गवाह के सोर्स के साथ हो रही बातचीत के आधार पर किसी पत्रकार को सूली पर चढ़ा देना कहां तक सही है?
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दो) बिना किसी पुख्ता सबूत और गवाह के सोर्स के साथ हो रही बातचीत के आधार पर किसी पत्रकार को सूली पर चढ़ा देना कहां तक सही है?
13.
भ्रष्टों को सूली पर चढ़ा देना चाहिए, फांसी पर लटका देना चाहिए, सरे चौराहे बांधकर हंटर लगाने चाहिए, जैसे लफ्ज उसके तकिया कलाम हो गए थे।
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(दो) बिना किसी पुख्ता सबूत और गवाह के सोर्स के साथ हो रही बातचीत के आधार पर किसी पत्रकार को सूली पर चढ़ा देना कहां तक सही है?
15.
कच्ची मिट्टी को यदि किसी ने पहले-पहले दूध का गिलास पेश किया होता तो क्या आज उसे शराब की यह लत लगी होती? आज भी कोई शरीफ़ उन्हें दूध पिलाना नहीं चाहता, उन्हें शराब पीने के अपराध में सूली पर चढ़ा देना चाहता है।
16.
अबू हुरैरा ने कहा कि, रसूल ने कहा कि, मेरा मजाक उड़ाना कुफ्र है, और शरीयत के कानूनों के खिलाफ है, जिसके अनुसार मेरा मजाक उड़ाने वाले को, या तो सूली पर चढ़ा देना चाहिए, या उसकी गर्दन काट देना चाहिए “
17.
अदरणीय दारोगा जी, हम सब आप के साथ है, इस आदमी को इस मंच से क्या इस देश से निकाल दिया जाना चाहिए,,,,, और मैं तो कहता हूँ इसे जीसस की तरह सूली पर चढ़ा देना चाहिए, या फिर सुकरात की तरह जहर दे दिया जाना चाहिए ……
18.
हस्ताक्षर किए जाने पर, हैनकॉक की एक टिप्पणी का जवाब देते हुए उन्हें यह कहते हुए उद्धृत किया जाता है कि उन सभी को एक साथ सूली पर चढ़ा देना चाहिए: “हां, हम सभी को वास्तव में, एक साथ फांसी पर चढ़ना चाहिए या अधिक विश्वासपूर्वक हम सभी को अलग-अलग फांसी पर चढ़ना चाहिए.”
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हस्ताक्षर किए जाने पर, हैनकॉक की एक टिप्पणी का जवाब देते हुए उन्हें यह कहते हुए उद्धृत किया जाता है कि उन सभी को एक साथ सूली पर चढ़ा देना चाहिए: “हां, हम सभी को वास्तव में, एक साथ फांसी पर चढ़ना चाहिए या अधिक विश्वासपूर्वक हम सभी को अलग-अलग फांसी पर चढ़ना चाहिए.”
20.
मित्रों, इसलिए मैं कहता हूँ कि अगर कोई संन्यासी अनैतिक कर्म में रत पाया जाए तो हिन्दू-समाज को जबरन उसकी शादी कर देनी चाहिए और अगर फिर भी वो नहीं सुधरे तो उसको सूली पर चढ़ा देना चाहिए या फिर उससे ऐसा व्रत करवाना चाहिए जिससे उसका प्राणान्त हो जाए क्योंकि इस तरह के लोग समाज के लिए किसी भी तरह से लाभदायक नहीं हो सकते।