यद्यपि चलते-चलते उस आदमी के पांव थक चुके थे, फिर भी उसने उस बंद दरवाजे पर पांव से प्रहार करना शुरू किया ।
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प्रत्यशदर्शियों के मुताबिक युवक जब जहर देने की बात कह रहा था कि इसी बीच युवती ने युवक के पेट पर ताबड़तोड़ चाकू से प्रहार करना शुरू कर दिया।
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मनबढ़ तस्करों ने पहले तो हाथापाई से काम लेना चाहा, लेकिन जब नेपाली पुलिस तस्करों पर भारी पड़ने लगी तो तस्करों ने पुलिस पर पत्थरों से प्रहार करना शुरू कर दिया।
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परिणामस्वरूप सभी गैर कांग्रेसी दलों ने कांग्रेस पर भ्रष्टाचार, 2 जी स्पेकट्रम घोटाला, कॉमनवेल्थ गेम् स में हुए भ्रष्टाचार, बोफोर्स तोप दलाली में क्वात्रोचि की भूमिका तथा कमरतोड़ महंगाई जैसे हथियारों से प्रहार करना शुरू कर दिया है।
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देश की आज़ादी के पहले से लेकर बाद के बरसों में गांधी दर्शन की ज़रूरत पर कई बिन्दुओं से विचार विमर्श हु आ. स िसोदिया ने कहा कि गांधी ने अपने काम के ज़रिए वर्ण व्यवस्था पर बहुत पहले से प्रहार करना शुरू कर दिया था.
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लेकिन शनिवार की सुबह 11 बजे के करीब मकैनिकल इंजीनियंरिंग के छात्र आनन्द, अभिषेक, विकास बाबू, अनुपम वर्मा जैसे ही मकैनिकल इंजीनियंरिग के प्रयोगात्मक के कक्ष में परीक्षा देने हेतु प्रवेश किया तुरंत उपरोक्त उद्दंड़ छात्रों ने डण्डों से प्रहार करना शुरू कर दिया।
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प्रमुख वक्ता के रूप में वरिष्ठ अधिवक्ता भंवर लाल सिसोदिया ने इस अवसर पर गांधी दर्शन को आज के परिप्रेक्ष में किस तरह से अपनाया जा सकता है पर विचार रखे. देश की आज़ादी के पहले से लेकर बाद के बरसों में गांधी दर्शन की ज़रूरत पर कई बिन्दुओं से विचार विमर्श हुआ.सिसोदिया ने कहा कि गांधी ने अपने काम के ज़रिए वर्ण व्यवस्था पर बहुत पहले से प्रहार करना शुरू कर दिया था.
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कारतूस की पेटी घेघा पिछला भाग बटोरना प्राप्त करना फसल कटाई का समय कतरे हुइ ऊन का गालाआ कस मारना सम्मान में झुकअना सेतुबन्ध केशकर्तन हात का फुर्तीला प्रहार लाटरी / नम्बर निकलना खींच कर निकालना रोक कर रखना किलप लगाना छाँटना ठीक ठाक रोपन करना देरी से किसी वस्तु को समझ पाना जासूस काट-छाँट करना अच्छे कपड़े पहननेवाला धूँवा निकालना ठीक ठाक [बाहर] निकालना पूर्णतया संबंध-विच्छेद कर लेना कट कर अलग हो जाना कतरना आकर्षणना पूरी तरह से नष्ट हो होना खींच लेना तेजी से प्रहार करना
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गालियों की बौछाड़ के साथ ताबड़तोड़ उसपर लात और बेंत से प्रहार करना शुरू कर दिया. कुछ लोग निरघिन गालियों के साथ चौधरी साहब के हौसला अफजाई में लगे थे तो कुछ इस कृत से दुखी भी थे..पर उनको रोकने की औकात किसमे थी.पीड़ा से बिलबिलाते हुए बुलकी वाली ने भी एक दो गलियां दे दी.फ़िर क्या था लात घूसों के साथ झोंटा पकड़कर ऐसे घसीटा गया कि उसके देह पर एक भी वस्त्र नही बचा.भीड़ में से किसीको न लज्जा आई न हिम्मत हुई कि उसके उघड़े देह को ढांक दे.