विचारधारा के सौन्दर्यबोधी रूप जो कि साहित्य और कला में अत्यंत महत्व का होता है, उसकी शि नाख्त कम ही होती रही है।
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जहां तक गोयेथ का प्रश्न है, सौन्दर्य और सादृश्यबोध से वह उसे सौन्दर्यबोधी मानते हैं, लेकिन उसमें नाटकार की प्रतिभा नहीं-वहां वह कमजोर है.
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जहां तक गोयेथ का प्रश्न है, सौन्दर्य और सादृश्यबोध से वह उसे सौन्दर्यबोधी मानते हैं, लेकिन उसमें नाटकार की प्रतिभा नहीं-वहां वह कमजोर है.
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हमें अच्छी तरह मालूम है कि हरेक रचनात्मक कार्य अधूरा होता है और यह भी कि हमारा सबसे संदिग्ध सौन्दर्यबोधी विचार वह होगा जिसकी मंशा लिखने की होगी.
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हमें अच्छी तरह मालूम है कि हरेक रचनात्मक कार्य अधूरा होता है और यह भी कि हमारा सबसे संदिग्ध सौन्दर्यबोधी विचार वह होगा जिसकी मंशा लिखने की होगी.
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मगर जैसे ही एक सौन्दर्यबोधी की नज़र उस पर पड़ी तो उसने ऐतराज़ किया और उस आवासीय परिसर की सुंदरता की रक्षा के लिए टमाटर के उन पौधों को उखड़वा दिया गया ।
17.
पगड़ियाँ बाँधना शौक नहीं आसन्न मृत्यु को मान देने जैसा लगने लगता है जब कि बेचारे का सौन्दर्यबोधी मन गिरते केशों को संसार की नज़रो से छिपाना चाहता होगा-एक और सनक! दुनिया की परवाह!! अंतत: सिर घुटाई।
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पगड़ियाँ बाँधना शौक नहीं आसन्न मृत्यु को मान देने जैसा लगने लगता है जब कि बेचारे का सौन्दर्यबोधी मन गिरते केशों को संसार की नज़रो से छिपाना चाहता होगा-एक और सनक! दुनिया की परवाह!! अंतत: सिर घुटाई।
19.
जिन मानव-समुदायों की संस्कृति प्रकृति से निकट का सम्बन्ध बनाकर विकसित होती हैं वे अधिक सौन्दर्यबोधी, आनन्ददायक व कल्याणकारी होती है और जो संस्कृति प्रकृति से दूर हटती जाती हैं वे शास्त्रीय, वैयाकरणीय, औपचारिक, प्रतिमान आधारित, सजावटी तथा नीरस बनती चली जाती हैं।
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जिन मानव-समुदायों की संस्कृति प्रकृति से निकट का सम्बन्ध बनाकर विकसित होती हैं वे अधिक सौन्दर्यबोधी, आनन्ददायक व कल्याणकारी होती है और जो संस्कृति प्रकृति से दूर हटती जाती हैं वे शास्त्रीय, वैयाकरणीय, औपचारिक, प्रतिमान आधारित, सजावटी तथा नीरस बनती चली जाती हैं।