1939-40 में एक और महत्वपूर्ण सफलता मिली जब कार्ल लैंडस्टेनर, एलेक्स वीनर, फिलिप लेविन, एवं आर.ई. स्टेटसन ने रीसस रक्त समूह प्रणाली की खोज की, जिसे उस समय तक आधान संबंधी बहुसंख्यक प्रतिक्रियाओं का कारण माना गया. तीन साल बाद, जे.एफ. लूटिट एवं पैट्रिक एल. मॉलिसन के द्वारा स्कन्दनरोधी की मात्रा को कम करने वाले एसिड-साइट्रेट-डेक्स्ट्रोज (एसीडी) के घोल के व्यवहार ने, अधिक परिमाण में रक्ताधान एवं दीर्घावधि तक भंडारण की अनुमति प्रदान की.