स्खलनीय प्रतिवर्ती क्रिया में मूत्रमार्ग, प्रोस्टेट ग्रंथि और शुक्राशय के चारों ओर स्थित और शिश्न के आधार पर स्थित मांसपेशियों का लयात्मक अनैच्छित संकुचन होता है, जो शुक्राशय से वीर्य को शिश्न के मार्ग से निष्कासित कर देता है।
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स्खलनीय प्रतिवर्ती क्रिया में मूत्रमार्ग, प्रोस्टेट ग्रंथि और शुक्राशय के चारों ओर स्थित और शिश्न के आधार पर स्थित मांसपेशियों का लयात्मक अनैच्छित संकुचन होता है, जो शुक्राशय से वीर्य को शिश्न के मार्ग से निष्कासित कर देता है।
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स्खलनीय प्रतिवर्ती क्रिया में मूत्रमार्ग, प्रोस्टेट ग्रंथि और शुक्राशय के चारों ओर स्थित और शिश्न के आधार पर स्थित मांसपेशियों का लयात्मक अनैच्छित संकुचन होता है, जो शुक्राशय से वीर्य को शिश्न के मार्ग से निष्कासित कर देता है।
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व्यायाम आसानी से किए जा सकते हैं और कही भी और किसी भी समय किए जा सकते हैं जिससे स्खलनीय प्रतिवर्ती क्रिया पर शीघ्रता से नियंत्रण प्राप्त किया जा सकता है, सामान्यतः उपचार कार्यक्रम में निर्दिष्ट अवधि से पहले ही।
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यद्यपि रोगी को अपने स्खलनीय प्रतिवर्ती क्रिया पर नियंत्रण पाने में मदद करनेवाले व्यायाम सभी ओनलाइन कार्यक्रमों में लगभग समान ही होते हैं, यह ध्यान में रखना जरूरी है कि शीघ्रपतन के अलग-अलग स्तरों का अलग-अलग तरीकों से इलाज करना चाहिए।
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बहुत तेजी से हस्तमैथुन करने से, क्योंकि यह डर बना रहता है कि कोई पकड़ न ले, स्खलनीय प्रतिवर्ती क्रिया का असली मकसद ही खारिज हो जाता है, और उसके स्थान पर बहुत जल्द चरम स्थिति (ओर्गैसम) तक पहुंचने की आवश्यकता सर्वोपरि महत्व धारण कर लेती है।
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बहुत तेजी से हस्तमैथुन करने से, क्योंकि यह डर बना रहता है कि कोई पकड़ न ले, स्खलनीय प्रतिवर्ती क्रिया का असली मकसद ही खारिज हो जाता है, और उसके स्थान पर बहुत जल्द चरम स्थिति (ओर्गैसम) तक पहुंचने की आवश्यकता सर्वोपरि महत्व धारण कर लेती है।
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स्खलनीय प्रतिवर्ती क्रिया में मूत्रमार्ग, प्रोस्टेट ग्रंथि और शुक्राशय के चारों ओर स्थित और शिश्न के आधार पर स्थित मांसपेशियों का लयात्मक संकुचन होता है, और अन्य कई स्नायुगत संवेदनाएं शामिल होती हैं, जो शिश्न के आकार को बढ़ाती हैं और मूत्रमार्ग से वीर्य के निष्कासन में परिणत होती हैं।
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स्तर 3 के शीघ्रपतन का इलाज न किए जाने अथवा ठीक से इलाज न किए जाने के फलस्वरूप रोग का गंभीर रूप धारण कर लेना शीघ्रपतन के हर स्तर पर, भले ही वह जिस भी कारण से विकसित हुआ हो, पुरुष अपनी स्खलनीय प्रतिवर्ती क्रिया को नियंत्रित नहीं कर पता है,जिससे वह अपने उत्थान को बनाए नहीं रख पता और उस वक्त वीर्य पात नहीं कर पता जब वह वीर्य पात करना चाहता है।
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स्तर 4: स्तर 3 के शीघ्रपतन का इलाज न किए जाने अथवा ठीक से इलाज न किए जाने के फलस्वरूप रोग का गंभीर रूप धारण कर लेना शीघ्रपतन के हर स्तर पर, भले ही वह जिस भी कारण से विकसित हुआ हो, पुरुष अपनी स्खलनीय प्रतिवर्ती क्रिया को नियंत्रित नहीं कर पता है,जिससे वह अपने उत्थान को बनाए नहीं रख पता और उस वक्त वीर्य पात नहीं कर पता जब वह वीर्य पात करना चाहता है।