इसके प्रचालन के लिए इसके स्टेटर में प्रत्यावर्ती धारा संचरण तथा रोटर में दिष्ट धारा उत्तेजक (D.C. excitation) दोनों की आवश्यकता होती है।
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इनमें दो मुख्य भाग होते हैं: एक तो स्टेटर (stator), जो स्थिर रहता है, और दूसरा रोटर को घूमता है।
13.
यह उसी प्रकार है जैसे बिजली के दो तार नेगेटिव और पोजिटिव मिले बिना बल्ब नहीं चल पाता, स्टेटर और मोटर के निरन्तर आकर्षण विकर्षण से ही ऊर्जा सृजित होती है।
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अतः जब एक स्टेटर मे संकेत क वोल्ट बढता है दूसरे मे घटता है तो बीच के पर्दे पर दोनो तरफ़ स्टेटर के चर्ज से उल्टे चार्ज जमा होते हैं इसका कुल जमा असर ये होता है की पर्दा एक साथ खीन्चा-धकेला जाता है.
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अतः जब एक स्टेटर मे संकेत क वोल्ट बढता है दूसरे मे घटता है तो बीच के पर्दे पर दोनो तरफ़ स्टेटर के चर्ज से उल्टे चार्ज जमा होते हैं इसका कुल जमा असर ये होता है की पर्दा एक साथ खीन्चा-धकेला जाता है.
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17 जनवरी 1867 को, सीमेन्स ने बर्लिन अकादमी में “डायनेमो-इलेक्ट्रिक मशीन” (पहली बार उपयोग में लिया गया शब्द) की घोषणा की, जिसमें स्टेटर क्षेत्र उत्पन्न करने के लिए स्थायी चुम्बकों के बजाय स्वयं पावर उत्पन्न करने वाले विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र कुंडलियों का उपयोग किया गया था.
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17 जनवरी 1867 को, सीमेन्स ने बर्लिन अकादमी में “डायनेमो-इलेक्ट्रिक मशीन” (पहली बार उपयोग में लिया गया शब्द) की घोषणा की, जिसमें स्टेटर क्षेत्र उत्पन्न करने के लिए स्थायी चुम्बकों के बजाय स्वयं पावर उत्पन्न करने वाले विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र कुंडलियों का उपयोग किया गया था.
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[4] उसी दिन चार्ल्स व्हीटस्टोन ने रोयल सोसाइटी में एक पेपर पढ़ते हुए इसी तरह के एक डिजाइन की घोषणा की, इनमें अंतर यह था की सीमेन्स के डिजाइन में स्टेटर विद्युत चुम्बक रोटर के साथ श्रृंखला में थे, जबकि व्हीटस्टोन के डिजाइन में ये सामानांतर थे.
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उनको नुकसान यह है कि डायाफ्राम भ्रमण गंभीर रूप से व्यावहारिक निर्माण सीमाओं के कारण सीमित है, आगे स्टेटर तैनात हैं, स्वीकार्य दक्षता प्राप्त करने के लिए उच्चतर वोल्टेज की आवश्यकता होती है, जो विद्युत आर्क की प्रवृत्ति को बढ़ाता है, साथ ही स्पीकर द्वारा धूल के कणों को आकर्षित करना बढ़ जाता है.
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उनको नुकसान यह है कि डायाफ्राम भ्रमण गंभीर रूप से व्यावहारिक निर्माण सीमाओं के कारण सीमित है, आगे स्टेटर तैनात हैं, स्वीकार्य दक्षता प्राप्त करने के लिए उच्चतर वोल्टेज की आवश्यकता होती है, जो विद्युत आर्क की प्रवृत्ति को बढ़ाता है, साथ ही स्पीकर द्वारा धूल के कणों को आकर्षित करना बढ़ जाता है.